बुजुर्गों के लिए समय पर भोजन क्यों है जरूरी? 🍽️
देर से नाश्ता और देर रात का भोजन बढ़ा सकता है बीमारियों का खतरा
बुजुर्गों की सेहत सिर्फ दवाइयों और आराम पर नहीं, बल्कि उनके खाने के समय पर भी निर्भर करती है। एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि देर से नाश्ता करने और देर रात खाना खाने वाले बुजुर्गों में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यह आदत न सिर्फ उनके शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और जीवन प्रत्याशा (Life Expectancy) पर भी असर डालती है।
क्या कहता है ताजा शोध? 🔬
ब्रिटेन के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 60–70 वर्ष के 3,000 से अधिक बुजुर्गों पर शोध किया।
- जल्दी नाश्ता करने और समय पर रात का खाना खाने वालों की 10 साल जीवित रहने की दर 89.5% पाई गई।
- वहीं देर से खाने वालों की यह दर घटकर 86.7% रह गई।
शोध में पाया गया कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, बुजुर्ग नाश्ता और डिनर देर से करने लगते हैं, खासकर वे लोग जिन्हें नींद की समस्या होती है या देर तक जागने की आदत पड़ जाती है।
सही समय क्या होना चाहिए? ⏰
- नाश्ता: सोकर उठने के 1 घंटे के अंदर, आदर्श समय – सुबह 7 बजे के आसपास।
- रात का भोजन: सोने से 2–3 घंटे पहले, आदर्श समय – शाम 7 बजे के आसपास।
- औसतन स्वस्थ बुजुर्ग सुबह 8:22 बजे नाश्ता, दोपहर 12:38 बजे लंच, और शाम 5:51 बजे डिनर करते पाए गए।
क्यों है यह जरूरी? 💡
- समय पर नाश्ता और डिनर करने से पाचन तंत्र सही रहता है।
- ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहते हैं।
- डिप्रेशन, थकान और नींद की समस्या कम होती है।
- उम्र बढ़ने के बावजूद लंबी और स्वस्थ जिंदगी जीने की संभावना बढ़ती है।
परिवार क्या कर सकते हैं? 👨👩👦
- बुजुर्गों को समय पर भोजन करने के लिए प्रेरित करें।
- देर रात के भारी भोजन से बचाएं।
- उन्हें हल्की व पौष्टिक डाइट दें।
- उनकी नींद का समय नियमित करवाएं।
निष्कर्ष
खाना सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं, बल्कि शरीर को स्वस्थ रखने की दिनचर्या का हिस्सा है।
यदि घर के बुजुर्ग समय पर नाश्ता नहीं कर रहे हैं या रात का खाना देर से खा रहे हैं, तो इसे हल्के में न लें।
आज से ही सही समय पर भोजन कराने की आदत डालें – यही लंबी उम्र का असली राज़ है।