एक्स-रे टेक्नीशियन भर्ती 2016 घोटाला: फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा! 🚨
स्वास्थ्य विभाग में वर्ष 2016 में हुई एक्स-रे टेक्नीशियन भर्ती में चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है। भर्ती में एक ही नाम के कई लोगों को नियुक्ति पत्र जारी कर नौकरी दे दी गई। ताज़ा खुलासे में सामने आया है कि ‘अर्पित’ नाम पर 6, ‘अंकुर’ नाम पर 2 और ‘अंकित’ नाम पर 6 लोगों ने नौकरी हासिल की।
क्या है पूरा मामला? 🧐
2016 में 403 एक्स-रे टेक्नीशियनों का चयन हुआ था।
- अर्पित नाम पर 6 लोगों ने नौकरी पाई, जिनमें से 5 आज भी वेतन ले रहे हैं।
- अंकुर नाम पर दो लोगों को अलग-अलग जन्मतिथि और तैनाती के साथ नौकरी दी गई।
- अंकित नाम पर 6 लोगों ने नियुक्ति ली, जिनमें से कुछ फरार हैं, एक बर्खास्त हो चुका है।
सबसे हैरानी की बात यह है कि इन सभी का मूल पता मैनपुरी और अन्य जिलों में दिखाया गया, जबकि जांच में कई पते फर्जी निकले।
फर्जीवाड़े का तरीका कैसे चला? 🔍
- एक ही नाम के कई लोगों को नियुक्ति पत्र जारी हुए।
- आधार कार्ड और दस्तावेजों की क्लोनिंग का शक जताया जा रहा है।
- बैंक खाता और योगदान प्रमाण पत्र सत्यापन में लापरवाही हुई।
- कई आरोपी नौकरी ज्वाइन करने के बाद फरार हो गए।
जांच में क्या हुआ अब तक? ⚖️
- उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर सभी जिलों के सीएमओ को महानिदेशालय बुलाया गया।
- कई जिलों के ‘अर्पित’ नामक एक्स-रे टेक्नीशियन फरार हो गए।
- मानव संपदा पोर्टल पर सभी नाम दर्ज हैं, जिससे फर्जी नियुक्ति का पूरा नेटवर्क सामने आ रहा है।
कितना नुकसान हुआ? 💰
इन फर्जी कर्मचारियों ने करीब 9 साल तक सरकारी वेतन लिया।
अब विभाग के सामने वेतन रिकवरी और पद समायोजन की चुनौती है।
क्या होगी कार्रवाई? 🚨
- दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
- फर्जी पाए गए पदों को रिक्त घोषित कर समायोजित किया जाएगा।
- सत्यापन प्रक्रिया के बाद ही नई नियुक्तियां संभव होंगी।
बड़ी लापरवाही या संगठित साज़िश? 🤔
पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक बद्री विशाल का कहना है:
“नियुक्ति पत्र की क्लोनिंग और सत्यापन में चूक सबसे बड़ी वजह है। आशंका है कि आधार भी फर्जी हो सकता है।”
सरकारी कलम की राय ✍️
यह घोटाला दिखाता है कि सरकारी नौकरियों में सत्यापन प्रणाली कितनी कमजोर है।
- अगर यह फर्जीवाड़ा 9 साल तक चलता रहा तो कितने असली अभ्यर्थियों का हक मारा गया होगा?
- अब जरूरी है कि सभी पुराने और नई भर्तियों का डिजिटल सत्यापन आधार और बायोमेट्रिक स्तर पर हो।