इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: विभाग की गलती से कर्मचारी नहीं होंगे वंचित! ⚖️
सरकारी कर्मचारियों के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि यदि विभाग किसी कर्मचारी का सेवा रिकॉर्ड सुरक्षित रखने में विफल रहता है, तो इस आधार पर कर्मचारी को नियमितीकरण और पेंशन लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता।
क्या है मामला? 🧐
- याचिकाकर्ता: सत्य प्रकाश श्रीवास्तव
- विभाग: प्रशासनिक विभाग, उत्तर प्रदेश
- समस्या: सर्विस बुक गुम हो गई, जिससे उन्हें
- नियमितीकरण से वंचित कर दिया गया
- पेंशन लाभ रोके गए
हाईकोर्ट ने क्या कहा? ⚖️
- सेवा रिकॉर्ड का रखरखाव विभाग की जिम्मेदारी है।
- विभाग अपनी गलती का फायदा उठाकर कर्मचारी को दंडित नहीं कर सकता।
- याचिकाकर्ता को वर्ष 2000 से पूर्वव्यापी प्रभाव से सेवा में नियमित करने का आदेश।
- सभी पेंशन लाभ देने के निर्देश।
कौन सा आदेश रद्द हुआ? ❌
- 29 जुलाई 2014
- 14 अगस्त 2020
इन दोनों आदेशों में याची को लाभ देने से इनकार किया गया था, जिन्हें कोर्ट ने रद्द कर दिया।
सरकारी कलम की राय ✍️
यह फैसला उन हजारों कर्मचारियों के लिए राहत की किरण है, जिनका सेवा रिकॉर्ड विभागीय लापरवाही से गुम या नष्ट हो गया।
अब विभागों को चाहिए कि:
- सभी कर्मचारियों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करें।
- पेंशन और नियमितीकरण के मामलों में पारदर्शिता लाएं।
- कर्मचारियों को अपनी गलती का शिकार न बनने दें।