लॉ कोर्स मान्यता विवाद के बाद सख्ती: सभी कॉलेजों को अनिवार्य होगी नियामक स्वीकृति! ⚖️
श्रीराम स्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय, बाराबंकी में लॉ पाठ्यक्रम की मान्यता विवाद के बाद उच्च शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है। अब प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने संबद्ध महाविद्यालयों में चल रहे सभी पाठ्यक्रमों के लिए नियामक संस्थाओं से मान्यता सुनिश्चित करें।
क्या है नया आदेश? 🧐
- विशेष सचिव गिरिजेश कुमार त्यागी द्वारा जारी पत्र।
- सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति और निदेशक उच्च शिक्षा को निर्देश।
- यदि कोई कॉलेज बिना मान्यता के पाठ्यक्रम चला रहा है तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
किन पाठ्यक्रमों पर असर पड़ेगा? 📚
- विधि (Law) – बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI)
- बीएड – नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE)
- कृषि – भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)
- फार्मेसी – फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI)
कई महाविद्यालयों में अस्थायी मान्यता के आधार पर कोर्स चलते रहते हैं। अब इनकी स्थायी मान्यता अनिवार्य होगी।
क्यों जरूरी है यह कदम? 🔍
- छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए।
- फर्जी या अप्रमाणित डिग्रियों को रोकने के लिए।
- उच्च शिक्षा संस्थानों में पारदर्शिता और गुणवत्ता नियंत्रण लाने के लिए।
क्या होगी कार्रवाई? ⚖️
- बिना मान्यता वाले कोर्स बंद किए जाएंगे।
- संबंधित कॉलेजों पर दंडात्मक कार्रवाई होगी।
- विश्वविद्यालयों को मान्यता सत्यापन की जिम्मेदारी दी गई।
सरकारी कलम की राय ✍️
यह कदम उन छात्रों के लिए राहत की खबर है, जो बिना मान्यता वाले कोर्स में दाखिला लेकर भविष्य के संकट में फंस जाते हैं।
- अब जरूरत है कि सभी मान्यताओं की जानकारी सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाए।
- छात्रों को प्रवेश लेने से पहले नियामक संस्थाओं की लिस्ट चेक करने की आदत डालनी होगी।