सिर्फ ₹1 में खाता खाली! साइबर ठगों का नया जाल और बचाव के तरीके 🛑
आज के डिजिटल युग में साइबर अपराधी नए-नए तरीके इजाद कर लोगों की मेहनत की कमाई लूट रहे हैं। अब ठग ओटीपी या बड़े ट्रांजेक्शन की बात नहीं करते, बल्कि सिर्फ ₹1 भेजने के नाम पर आपकी पूरी जमा पूंजी साफ कर देते हैं।
कैसे करते हैं ठगी?
साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, ठग पहले आपको झांसे में लेने के लिए फोन या मैसेज करते हैं। बहाना बनता है—बीमा पॉलिसी, किराया, ऑनलाइन ऑर्डर, सिम या एटीएम एक्टिवेशन।
- वे भरोसा दिलाने के लिए कहते हैं: “पहले ₹1 भेजिए, ताकि हम सिस्टम टेस्ट कर सकें।”
- जैसे ही आप ₹1 UPI या नेट बैंकिंग से भेजते हैं, ठग आपके मोबाइल नंबर और खाते की अहम जानकारी चुरा लेते हैं।
- इसके बाद उन्हें आपके पेमेंट ऐप्स, बैंकिंग ओटीपी और खाते तक आसानी से पहुंच मिल जाती है।
ताज़ा मामले 🚨
केस 1 – हल्द्वानी
टीपी नगर के एक सेना के जवान को बीमा पॉलिसी एक्टिवेशन के नाम पर 10 अगस्त को कॉल आया। ठग ने ₹1 भेजने को कहा। जवान ने भरोसा किया, और कुछ देर में ₹57,000 खाते से गायब हो गए।
केस 2 – बनबसा
एक व्यापारी को ऑनलाइन ऑर्डर के बहाने फोन आया। पेमेंट फेल बताकर ठग ने ₹1 भेजने को कहा। व्यापारी ने जैसे ही भेजा, ₹29,000 उड़ गए।
कैसे बचें इस ठगी से?
- किसी अनजान को एक रुपये भी न भेजें।
- किसी संदिग्ध लिंक या ऐप पर क्लिक न करें।
- बैंक या बीमा कंपनी का कोई कर्मचारी कभी इस तरह का अनुरोध नहीं करता।
- हमेशा टू-स्टेप वेरिफिकेशन ऑन रखें।
- अपने मोबाइल ऐप्स को नियमित रूप से अपडेट करें।
- मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें और उन्हें समय-समय पर बदलें।
निष्कर्ष ✍️
साइबर ठगी से बचाव की सबसे मजबूत ढाल आपकी जागरूकता है। याद रखें, ठग कितने भी चालाक क्यों न हों, आपकी सावधानी और सतर्कता उनकी सबसे बड़ी दुश्मन है।