शिक्षकों की साख संभाली जाए 🎓🙏
जब देश शिक्षक दिवस मना रहा है, तब हमें भारतीय परंपरा में गुरु के महत्व को याद करना चाहिए। गुरु न केवल शिक्षा देने वाला होता है, बल्कि चरित्र निर्माण और समाज के लिए मार्गदर्शन देने वाला भी होता है।
समाज ने नेतृत्वता और गांभीर्य गुणों को स्वीकारते हुए हमेशा शिक्षकों को सर्वोच्च स्थान दिया है। 🏆
समाज में शिक्षकों की बदलती स्थिति 🏫
आज के समय में शिक्षक समाज में पहले जैसी प्रतिष्ठा और सम्मान से वंचित हो रहे हैं। विद्यालयों के बढ़ते व्यावसायीकरण और शिक्षा व्यवस्था में अनियमितताओं ने शिक्षकों की साख को प्रभावित किया है।
कुछ दशकों पहले तक शिक्षक का नाम ईमानदारी और अनुशासन का प्रतीक होता था। लेकिन अब स्थिति बदलती दिखाई देती है, जिसके कारण शिक्षा की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है।
छात्रों और समाज की दृष्टि में बदलाव 👨👩👦
छात्रों की पढ़ाई में गिरावट, अभिभावकों की शिकायतें और शिक्षकों के प्रति अविश्वास समाज की नई चुनौतियाँ हैं। अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो आने वाले समय में शिक्षा व्यवस्था की नींव कमजोर हो सकती है।
शिक्षकों की साख तभी मजबूत होगी, जब वे अपने व्यवहार, अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा से समाज का विश्वास दोबारा जीत पाएंगे।
नीतिगत सुधार की आवश्यकता 📑
सरकार और समाज दोनों को मिलकर शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाना होगा। शिक्षकों के प्रशिक्षण, नियमित मूल्यांकन और योग्यता आधारित पदोन्नति से उनकी स्थिति सुधारी जा सकती है।
साथ ही, शिक्षा प्रणाली को राजनीति और अनुचित प्रभाव से दूर रखना भी जरूरी है। तभी शिक्षक अपनी साख वापस पा सकेंगे और समाज को सही दिशा दे पाएंगे।