दुनियाभर में एक अरब लोग मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे – WHO की चौंकाने वाली रिपोर्ट! 🧠🌍

दुनियाभर में एक अरब लोग मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे – WHO की चौंकाने वाली रिपोर्ट! 🧠🌍

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की नई रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में 1 अरब से अधिक लोग मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं। इनमें चिंता (Anxiety) और अवसाद (Depression) सबसे आम हैं।

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रिपोर्ट की मुख्य बातें 📝

  • 2021 में 7.27 लाख आत्महत्याएं अवसाद के कारण हुईं।
  • डिप्रेशन और चिंता से हर साल अर्थव्यवस्था को लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान
  • महिलाओं पर अधिक बोझ (58 करोड़) बनाम पुरुष (51 करोड़)।
  • सरकारें औसतन स्वास्थ्य बजट का सिर्फ 2% मानसिक स्वास्थ्य पर खर्च करती हैं।

भारत की स्थिति 🇮🇳

  • 10.6% वयस्क मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित।
  • जीवनकाल प्रसार: 13.7%।
  • 70–92% मरीजों को उचित उपचार नहीं मिल पाता।
  • महिलाएं स्वास्थ्य देखभाल पर तीन गुना अधिक खर्च कर रही हैं।

सकारात्मक बदलाव 🌱

  • 71% देशों ने मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में शामिल किया।
  • आपातकालीन मानसिक सहायता की सुविधा 2020 में 39 देशों में थी, अब 80% से अधिक देशों में।

15–29 वर्ष के युवाओं में प्रमुख विकार (%)

  • अवसाद: 9.2%
  • बेचैनी: 7.9%
  • माइग्रेन: 2.6%
  • नशा: 8.2%

विभिन्न क्षेत्रों में चिंता/अवसाद के मरीज (%)

  • अमेरिका: 6.7 / 5.1
  • दक्षिण-पूर्व एशिया: 5.3 / 4.3
  • अफ्रीका: 3.8 / 4.4
  • यूरोप: 3.7 / 4.1

सरकारी कलम की राय ✍️

मानसिक स्वास्थ्य अब गंभीर वैश्विक चुनौती बन चुका है।
हालांकि कई देशों ने इसे प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में शामिल करना शुरू कर दिया है, लेकिन भारत में बजट आवंटन और उपचार सुविधाएं अभी भी बेहद कम हैं।


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