यूपी के राजकीय विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति का कैबिनेट निर्णय ♿📚
उत्तर प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ रहे दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में राज्य कैबिनेट ने 47 पदों को विशेष शिक्षकों के रूप में परिवर्तित करने की मंजूरी दे दी है।
क्या है निर्णय का महत्व?
- वर्तमान में 692 दिव्यांग विद्यार्थी राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत हैं।
- अभी तक 311 विशेष शिक्षक सेवाप्रदाता एजेंसियों के माध्यम से कार्यरत हैं।
- नियमानुसार हर 15 दिव्यांग विद्यार्थियों पर 1 विशेष शिक्षक की आवश्यकता होती है।
- इसी अनुपात को ध्यान में रखते हुए 47 पदों को विशेष शिक्षकों के पद में बदला जाएगा।
भर्ती प्रक्रिया कैसे होगी?
- भर्ती लोक सेवा आयोग (UPPSC) के माध्यम से की जाएगी।
- चयन प्रक्रिया लिखित परीक्षा पर आधारित होगी।
- पात्रता:
- स्नातक में न्यूनतम 50% अंक।
- बीएड (विशेष शिक्षा) में डिग्री।
- विशेष शिक्षा की डिग्री अक्षमता, दृष्टिबाधित या मूकबधिर श्रेणी में होनी चाहिए।
क्या होगा लाभ?
- दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध होगी।
- नियमित विशेष शिक्षक नियुक्त होने से शिक्षण व्यवस्था मजबूत होगी।
- विभाग पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ेगा, क्योंकि ये पद मौजूदा स्वीकृत पदों से ही परिवर्तित किए गए हैं।
सरकारी कलम की राय ✍️
यह फैसला न केवल दिव्यांग विद्यार्थियों के भविष्य को सशक्त करेगा, बल्कि शिक्षकों के लिए भी एक नए अवसर का द्वार खोलेगा। लंबे समय से दिव्यांग बच्चों की शिक्षा उपेक्षित रही है, लेकिन इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि उन्हें विशेष मार्गदर्शन और सहयोग मिल सके।