एपीएस भर्ती-2010 घोटाले पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी, सीबीआई जांच को मिली रफ्तार 🚨
अपर निजी सचिव (APS) भर्ती-2010 में गड़बड़ी के मामले में योगी सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। सात साल से लंबित इस प्रकरण में अब शासन स्तर पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।
सीबीआई जांच पर तेज़ी क्यों आई?
- इस भर्ती में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे थे।
- सीबीआई की मांग पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा-17(ए) के तहत अपने तीन पूर्व अफसरों के खिलाफ जांच की अनुमति दी।
- यदि यह अनुमति नहीं मिलती, तो सीबीआई ने जांच बंद करने की चेतावनी दी थी।
मुख्य सचिव की अहम बैठक आज
- तारीख: सोमवार, दोपहर 3 बजे
- अध्यक्षता: मुख्य सचिव
- शामिल होंगे:
- सीबीआई निदेशक
- यूपीपीएससी के सचिव
- सीबीआई एंटी करप्शन शाखा के एसपी
- उद्देश्य: जांच की प्रगति की समीक्षा और आगे की रणनीति तय करना।
शिकायतकर्ताओं की मांग क्या है?
- अवनीश पांडेय (प्रयागराज) और राकेश कुमार (गोंडा) ने सीएम योगी और सीबीआई निदेशक को पत्र लिखकर मांग की:
- जांच को प्राथमिकता दी जाए।
- प्रभावित अभ्यर्थियों को जल्द न्याय दिलाया जाए।
- प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने कहा कि:
- सरकार से अपेक्षा है कि वह सीबीआई जांच में सहयोग करे।
- अनैतिक तरीके से चयनित अभ्यर्थियों को तत्काल निलंबित किया जाए।
आगे क्या हो सकता है?
- सीबीआई स्तर पर एसआईटी (Special Investigation Team) गठित होने की संभावना।
- दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई और चयन रद्द करने की प्रक्रिया।
- प्रभावित अभ्यर्थियों के लिए राहत की उम्मीद।
निष्कर्ष
एपीएस भर्ती-2010 घोटाले में लंबे समय से रुकी हुई जांच अब निर्णायक मोड़ पर है। शासन की सक्रियता और सीबीआई की तत्परता से उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में जल्द बड़ा फैसला आ सकता है।