सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: प्लांट में चलने वाली गाड़ियों पर नहीं लगेगा मोटर व्हीकल टैक्स 🚚
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में स्पष्ट किया है कि मोटर व्हीकल टैक्स मुआवजे के तौर पर लिया जाता है, और यह तभी लागू होगा जब वाहन सार्वजनिक सड़कों या बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल करे। यदि कोई गाड़ी केवल बंद परिसर (प्राइवेट एरिया) में चल रही है, तो उसके मालिक से टैक्स वसूला नहीं जा सकता।
क्या है मामला?
- मामला विशाखापत्तनम स्थित राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (RINL) से जुड़ा है।
- एक लॉजिस्टिक कंपनी ने 36 गाड़ियां केवल सेंट्रल डिस्पैच यार्ड में संचालन के लिए लगाई थीं।
- यह क्षेत्र पूरी तरह से कंपाउंड वॉल से घिरा था और सीआईएसएफ की सुरक्षा में था।
- यहां जनता का प्रवेश नहीं था।
न्यायालय की कार्यवाही
- आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट की एकल पीठ ने पहले कंपनी के पक्ष में फैसला देते हुए ₹22.71 लाख लौटाने का आदेश दिया।
- लेकिन, खंडपीठ ने इस आदेश को रद्द कर दिया।
- इसके बाद कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला ⚖️
- जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा:
- टैक्स तभी बनता है जब वाहन सार्वजनिक रोड का उपयोग करे।
- यदि वाहन सिर्फ प्राइवेट परिसर में ही चल रहा है, तो टैक्स वसूलना उचित नहीं।
अन्य महत्वपूर्ण टिप्पणी
- सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एक मामले में फैसले को अपलोड करने में देरी पर भी संज्ञान लिया।
- न्यायाधीश के सचिव की स्टेनो बुक जब्त करने और टाइपिंग व अपलोडिंग की जांच के निर्देश दिए गए।
निष्कर्ष
यह फैसला उन सभी संस्थानों और कंपनियों के लिए राहत की खबर है, जिनकी गाड़ियां केवल बंद परिसरों, प्लांट्स या निजी क्षेत्रों में चलती हैं। अब उन पर अनावश्यक टैक्स का बोझ नहीं पड़ेगा।