गणित सुधार कार्यक्रम में आ रही बाधाएं: शिक्षकों और छात्रों की मुश्किलें बढ़ीं 🧮
प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए चलाया जा रहा गणित सुधार कार्यक्रम धरातल पर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। छात्रों और शिक्षकों ने इसे अत्यधिक जटिल, असुविधाजनक और संसाधन-विहीन बताया है।
मुख्य समस्याएं जिनका सामना हो रहा है:
- स्मार्टफोन और इंटरनेट की कमी 📱: अधिकांश छात्र ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आते हैं। उनके अभिभावक मजदूरी के लिए जाते समय फोन अपने साथ ले जाते हैं।
- खान अकेडमी ऐप की जटिलता: बार-बार लॉगिन और पासवर्ड डालने की मजबूरी छात्रों का उत्साह कम कर रही है।
- सामग्री का स्तर पाठ्यक्रम से मेल नहीं खाता: छात्रों को यह सामग्री न तो प्रभावशाली लग रही है और न ही उनके स्तर के अनुरूप।
शिक्षकों की नाराज़गी के कारण:
- अवकाशों में ड्यूटी लगाने का विरोध 🗓️
शिक्षकों का कहना है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश, रविवार और अन्य छुट्टियों में भी उन्हें विभागीय कार्यक्रमों जैसे समर कैंप, योग दिवस और परीक्षाओं में ड्यूटी दी जाती है। - प्रतिकर अवकाश नहीं मिल रहा: शासनादेशों के अनुसार मिलने वाले उपार्जित और प्रतिकर अवकाश का लाभ नहीं दिया जा रहा।
संघ की प्रमुख मांगें:
- ग्रामीण क्षेत्रों के गणित और विज्ञान शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों को शामिल कर प्रदेश स्तरीय समिति गठित की जाए।
- कार्यक्रम को सरल, रोचक और वैकल्पिक बनाया जाए, ताकि छात्रों पर दबाव न पड़े।
- शिक्षकों को उनके हक का प्रतिकर अवकाश सुनिश्चित किया जाए।