आयकर रिफंड: कब मिलेगा और देरी होने पर क्या करें?
आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने के बाद करदाता अक्सर रिफंड का इंतजार करते हैं। खासतौर पर तब, जब उन्होंने जरूरत से ज्यादा टैक्स जमा किया हो। आइए जानें कि रिफंड आने में कितना समय लगता है, किन वजहों से देरी होती है और समस्या होने पर क्या कदम उठाएं।
रिफंड कब से गिना जाता है?
- जिस तारीख को करदाता ITR को ई-सत्यापित (e-verify) करता है, उसी दिन से रिफंड प्रक्रिया शुरू होती है।
- सामान्यत: 15 दिन से 2 महीने के बीच रिफंड आ जाता है।
- देरी होने पर संशोधित रिटर्न दाखिल करना पड़ सकता है।
ITR के अनुसार रिफंड का समय
- ITR-1: 10–15 दिन
- ITR-2: 20–45 दिन
- ITR-3: लगभग 2 महीने (व्यवसायिक आय आदि की अधिक जांच के कारण)
देरी के प्रमुख कारण
- बैंक खाते का गलत या असत्यापित होना
- ITR में गलत जानकारी
- ITR की स्क्रूटनी
- 30 दिनों के भीतर ई-सत्यापन न होना
- पिछली कर देनदारी लंबित होना
रिफंड स्टेटस कैसे जांचें?
- आयकर पोर्टल पर लॉगिन करें।
- My Account → Refund/Demand Status पर क्लिक करें।
- पावती संख्या पर क्लिक कर जानकारी देखें।
अगर रिफंड अटक जाए तो क्या करें?
- सबसे पहले ईमेल जांचें – विभाग वहीं से सूचना भेजता है।
- पुनः रिफंड जारी करने का अनुरोध कर सकते हैं।
- लंबित दावा होने पर शीघ्र निपटारे के लिए अनुरोध करें।
- संपर्क करें: हेल्पलाइन 1800-103-4455 या ask@incometax.gov.in