बेसिक शिक्षा विभाग के स्थानांतरण व समायोजन आदेश पर हाईकोर्ट की सख्ती, जवाब तलब
प्रयागराज: बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा 26 जून को जारी शिक्षकों के स्थानांतरण एवं समायोजन आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इसके साथ ही, बीएसए प्रयागराज के एक जुलाई को जारी समायोजन आदेश को भी याचिका में सवालों के घेरे में रखा गया है।
याचियों का आरोप है कि इस आदेश के माध्यम से प्राथमिक विद्यालयों के हेडमास्टर पद पर कार्यरत शिक्षकों को बिना अपर टीईटी उत्तीर्ण किए ही अपर प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर प्रोन्नत किया जा रहा है, जो एनसीटीई के नियमों के विपरीत है।
न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान ने मामले की सुनवाई करते हुए बेसिक शिक्षा विभाग से चार सप्ताह में विस्तृत जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
क्या है मामला?
याचियों के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद के 26 जून के सर्कुलर के आधार पर, बीएसए प्रयागराज ने 1 जुलाई को समायोजन आदेश जारी किया। इसके तहत कई हेडमास्टर्स को अपर प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर भेजा गया।
एनसीटीई ने 11 सितंबर 2023 को जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया है कि अपर प्राइमरी स्कूलों में प्रोन्नति के लिए अपर टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। मद्रास हाईकोर्ट ने भी अपने एक निर्णय में इसे अनिवार्य बताया है। तमिलनाडु सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर फैसला सुरक्षित है।
इसके बावजूद, आदेश लागू कर प्रोन्नतियां दी जा रही हैं। मामले की अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी।
एससीईआरटी निदेशक को अवमानना नोटिस
इसी बीच, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के निदेशक गणेश कुमार को अवमानना का नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने 6 जुलाई 2023 के आदेश का पालन न होने पर नाराजगी जताई है।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि बीटीसी/डीएलएड कोर्स के वे छात्र-छात्राएं जो किसी पेपर में तीन बार असफल रहे हैं, उन्हें एक अतिरिक्त अवसर प्रदान किया जाए। बावजूद इसके, छात्रों को अगली परीक्षा में बैठने का मौका नहीं मिला।
कोर्ट ने निदेशक को 24 सितंबर तक आदेश का पालन कर हलफनामा दाखिल करने या स्वयं उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।