✍️ 69000 शिक्षक भर्ती: आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का हंगामा, सरकार पर सुप्रीम कोर्ट में लापरवाही का आरोप
लखनऊ – 69000 शिक्षक भर्ती में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार को बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के आवास का घेराव किया। उनका आरोप है कि सरकार इस भर्ती से जुड़े केस की सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी नहीं कर रही है।
🔹 ईको गार्डेन ले गई पुलिस
घेराव कर रहे अभ्यर्थियों को पुलिस ने बलपूर्वक हटाकर ईको गार्डेन पहुंचाया। अभ्यर्थियों ने कहा कि वे मंत्री से मुलाकात करना चाहते थे लेकिन उन्हें जबरन रोक दिया गया।
- अमरेंद्र पटेल व धनंजय गुप्ता ने बताया कि उनकी मंत्री से मुलाकात तक नहीं हो सकी।
- पुलिस ने उन्हें जबर्दस्ती उठाकर ईको गार्डेन ले जाया गया।
🔹 लंबी लड़ाई, फिर भी न्याय अधूरा
अभ्यर्थियों का कहना है:
- 69000 शिक्षक भर्ती में हुई अनियमितताओं से आरक्षित वर्ग के सैकड़ों अभ्यर्थी नौकरी से वंचित रह गए।
- इस मामले की लंबी सुनवाई हाईकोर्ट में हुई और फैसला उनके पक्ष में आया।
- लेकिन सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया।
- अब केस सुप्रीम कोर्ट में है, लेकिन सरकार वहां भी उचित पैरवी से बच रही है।
🔹 20 से अधिक तारीखें, सुनवाई अधूरी
- अभ्यर्थियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में अब तक 20 से अधिक तारीखें पड़ चुकी हैं लेकिन सुनवाई आगे नहीं बढ़ पाई।
- 19 अगस्त को सुनवाई प्रस्तावित थी, लेकिन केस अनलिस्टेड हो गया।
- अगली सुनवाई कब होगी, इसका अभी कोई पता नहीं है।
🔹 संगठन की मांग
- सरकार सुप्रीम कोर्ट में मजबूत वकीलों के साथ पैरवी करे।
- मामले का जल्द से जल्द निस्तारण कराया जाए।
- आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को उनका न्याय और हक़ मिलना चाहिए।
✍️ सरकारी कलम की टिप्पणी
69000 भर्ती शुरू से ही विवादों में रही है। जब अदालत ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को राहत दी थी, तो सरकार की जिम्मेदारी थी कि आदेश का पालन कर उन्हें न्याय दिलाए। लेकिन लगातार देरी, टालमटोल और पैरवी की कमजोरी से यह मामला उलझता जा रहा है। शिक्षा जैसी संवेदनशील भर्ती प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है। ✍️