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2018 से 2025 तक 29,999 से अधिक शिक्षक हुए रिटायर – बेसिक शिक्षा विभाग का खुलासा
उत्तर प्रदेश विधानसभा के द्वितीय सत्र 2025 के दौरान कप्तानगंज से विधायक श्री कविन्द्र चौधरी द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों से 2018 से 25 मार्च 2025 तक सेवा निवृत्त होने वाले शिक्षकों के आंकड़े सदन में पेश किए।
📊 वर्षवार सेवानिवृत्त शिक्षकों की संख्या

*2024 में यह संख्या असामान्य रूप से अधिक रही, संभवतः बड़ी संख्या में शिक्षकों के एक साथ सेवानिवृत्ति आयु पूरी होने के कारण।
🧮 कुल संख्या
2018 से मार्च 2025 तक कुल 30,000 से अधिक शिक्षक सेवा निवृत्त हो चुके हैं। यह आंकड़ा न केवल शिक्षकों की भारी कमी को दर्शाता है, बल्कि यह भी इंगित करता है कि जल्द ही इन पदों पर नियुक्ति की आवश्यकता है।
📌 शिक्षकों की कमी पर असर
- कक्षा संचालन में समस्या: कई विद्यालयों में पहले से ही स्टाफ की कमी है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
- नियुक्ति प्रक्रिया की मांग: शिक्षक संगठनों का कहना है कि रिटायर हुए पदों पर तुरंत भर्ती की जाए, ताकि कक्षाएं सुचारू रूप से चल सकें।
- बढ़ता कार्यभार: मौजूदा शिक्षकों पर कार्य का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है।
🗣 शिक्षक संगठनों की राय
शिक्षक संगठन मानते हैं कि यदि रिटायर हुए पदों पर समय से नियुक्तियां न की गईं तो आने वाले वर्षों में शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर असर पड़ सकता है। इसके साथ ही, वे भर्ती प्रक्रिया को तेज़, पारदर्शी और वार्षिक आधार पर करने की मांग कर रहे हैं।
📢 सरकारी कलम की राय:
इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने के बावजूद भर्ती प्रक्रिया धीमी है। अगर सरकार सचमुच “सब पढ़ें, सब बढ़ें” के नारे को सार्थक करना चाहती है, तो खाली पदों को भरना उसकी प्राथमिकता होनी चाहिए।