“प्रभारी प्रधानाध्यापकों को प्रधानाध्यापक वेतन के मामले में यूपी सरकार की SLP: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई विवरण”

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ‘प्रभारी प्रधानाध्यापक’ को प्रधानाध्यापक का समान वेतन देने के मामले में एसएलपी (SLP) दायर की है

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संदर्भ व कानूनी स्थिति

  1. इलाहाबाद हाईकोर्ट (डबल बेंच) ने मई 2025 में यह निर्णय दिया कि यदि कोई शिक्षक “प्रभारी प्रधानाध्यापक” के रूप में कार्य कर रहा है और उसकी योग्यता प्रधानाध्यापक के अनुरूप है, तो उसे प्रधानाध्यापक जैसा वेतन और तीन साल तक का बकाया वेतन मिलना चाहिए (
  2. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए SLP दायर की है ()।

“प्रभारी प्रधानाध्यापकों को प्रधानाध्यापक वेतन के मामले में यूपी सरकार की SLP: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई विवरण”


  1. भूमिका (शुरुआत)
    • प्रभारी प्रधानाध्यापक का क्या अर्थ है, और यह क्यों विवादित मामला बना।
  2. हाईकोर्ट का आदेश
    • मई 2025 में डबल बेंच का निर्णय: समान वेतन और तीन साल तक का बकाया वेतन प्रदान करने का आदेश
  3. सरकार की प्रतिक्रिया
    • इस निर्णय के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में SLP दाखिल की )।
  4. निष्कर्ष
    • यह मामला शिक्षा एवं वेतन समानता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

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