दूसरे चरण के स्वैच्छिक अंतर्जनपदीय स्थानांतरण व समायोजन के तहत शिक्षकों को 18 अगस्त तक कार्यमुक्त व कार्यभार ग्रहण कराने के निर्देश 🏫📢
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने दूसरे चरण के स्वेच्छा से अन्तः जनपदीय स्थानांतरण एवं समायोजन प्रक्रिया के तहत चयनित शिक्षकों और शिक्षिकाओं को समयबद्ध तरीके से कार्यमुक्त (Relieve) एवं कार्यभार ग्रहण (Joining) कराने के निर्देश जारी किए हैं। परिषद के पत्र संख्या बे०शि०प०/8816-8896/2025-26 दिनांक 22 जुलाई 2025 तथा शासनादेश दिनांक 23 मई 2025 के तहत यह कार्यवाही की जा रही है।
08 अगस्त को जारी हुई सूची
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC), उ०प्र० द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर के माध्यम से 08 अगस्त 2025 को दूसरे चरण के अंतर्गत चयनित शिक्षकों की सूची जारी की गई है, जो आधिकारिक पोर्टल
https://intradistricttransfer.upsdc.gov.in/ पर उपलब्ध है।
कार्यवाही की अंतिम तिथि – 18 अगस्त 2025
निर्देशों के अनुसार, चयनित शिक्षकों को कार्यमुक्त करने और नए विद्यालय में कार्यभार ग्रहण कराने की प्रक्रिया 18 अगस्त 2025 तक पूरी की जानी अनिवार्य है। इस दौरान विषय, कैडर और पदनाम की पूरी तरह जांच-पड़ताल के बाद ही relieving/joining होगी।
केवल वास्तविक रूप से कार्यरत शिक्षक होंगे कार्यमुक्त
स्थानांतरण का लाभ केवल उन्हीं शिक्षकों को मिलेगा जो उस विद्यालय में नियमित और वास्तविक रूप से कार्यरत हैं, जहाँ से उन्होंने ऑनलाइन आवेदन किया था।
संवर्ग में कोई बदलाव नहीं
- ग्रामीण सेवा संवर्ग के शिक्षक केवल ग्रामीण संवर्ग में ही समायोजित होंगे।
- नगर सेवा संवर्ग के शिक्षक केवल नगर संवर्ग में ही स्थानांतरित होंगे।
- यदि कार्यमुक्त करने से कोई विद्यालय एकल शिक्षक या शिक्षक विहीन हो जाता है, तो ऐसे शिक्षक को relieving नहीं दी जाएगी।
मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट अनिवार्य
सभी कार्यमुक्ति और कार्यभार ग्रहण की प्रविष्टियां मानव सम्पदा पोर्टल पर एक साथ, निर्धारित समय सीमा तक की जाएंगी।
पारदर्शिता और जिम्मेदारी
विभाग ने स्पष्ट किया है कि पूरी प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता के साथ की जाए। किसी भी प्रकार की अनियमितता या लापरवाही पाए जाने पर संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) पूरी तरह जिम्मेदार होंगे।
✍️ निष्कर्ष
दूसरे चरण का यह स्थानांतरण और समायोजन बेसिक शिक्षा विभाग की पारदर्शी व समयबद्ध प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य योग्य शिक्षकों को उनकी पसंद के जनपद में नियुक्ति देना है, साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि किसी विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था प्रभावित न हो।

