दिल्ली निजी स्कूल फीस नियंत्रण बिल 2025: अब नहीं चलेगी मनमानी! 🏫📉

दिल्ली निजी स्कूल फीस नियंत्रण बिल 2025: अब नहीं चलेगी मनमानी! 🏫📉

दिल्ली में निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर लगाम लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने सोमवार को विधानसभा में “दिल्ली स्कूल शिक्षा (शुल्क निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025” पेश किया। इस बिल का उद्देश्य शिक्षा को बोझ नहीं, बल्कि भविष्य का मजबूत रास्ता बनाना है।


🔑 बिल की मुख्य बातें:

3 साल में सिर्फ एक बार फीस वृद्धि

अब कोई भी निजी स्कूल तीन वर्षों में केवल एक बार फीस बढ़ा सकेगा। बार-बार फीस बढ़ाने की मनमानी पर रोक लगेगी।

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संयुक्त समिति करेगी फीस तय

फीस वृद्धि का निर्णय अब स्कूल प्रबंधन + शिक्षक + अभिभावकों की एक संयुक्त समिति द्वारा होगा। अभिभावकों का चयन चुनाव के माध्यम से होगा।

अभिभावकों की भागीदारी

स्कूल को हर बार 3 साल की प्रस्तावित फीस पहले से घोषित करनी होगी। साथ ही, अभिभावकों की 15% सहमति के बिना फीस में कोई बदलाव नहीं हो सकेगा।

दो स्तर की समिति व्यवस्था

  1. स्कूल स्तर पर यदि सहमति नहीं बनती है तो…
  2. मामला जिला स्तरीय समिति के पास जाएगा।
    यदि फिर भी सहमति नहीं बनती, तो…
  3. राज्य स्तरीय समिति का निर्णय अंतिम होगा।

💸 सख्त दंड का प्रावधान:

नियम उल्लंघन सजा फीस बढ़ोतरी पर आदेश न मानना ₹1 लाख से ₹10 लाख तक जुर्माना दोबारा गलती पहले से दोगुना जुर्माना बार-बार उल्लंघन स्कूल की मान्यता रद्द, सरकार ले सकती है नियंत्रण


🚫 छात्रों के साथ दुर्व्यवहार पर कड़ा एक्शन:

यदि फीस न देने पर छात्र को अपमानित किया गया, नाम काटा गया या क्लास से बाहर किया गया, तो स्कूल को ₹50,000 प्रति छात्र मुआवजा देना होगा।


🧾 वित्तीय पारदर्शिता जरूरी

सभी स्कूलों को अपना वित्तीय रिकॉर्ड सार्वजनिक करना अनिवार्य होगा। सरकार इसके लिए ऑडिट भी करवा सकेगी।


🗣️ राजनीतिक प्रतिक्रिया:

  • शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा: “मैं दिल्ली के लाखों अभिभावकों और बच्चों की दशकों पुरानी समस्या का स्थायी समाधान लाया हूं।”
  • पूर्व शिक्षा मंत्री आतिशी ने बिल पर सवाल उठाए: “फीस बढ़ाने वाली समिति का अध्यक्ष स्कूल प्रबंधन ही होगा। अगर जरूरत पड़ी तो कोर्ट भी जाएंगे।”

📢 सरकारी कलम की राय:

यह विधेयक दिल्ली के लाखों मिडल क्लास अभिभावकों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है। वर्षों से निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी पर कोई ठोस नियंत्रण नहीं था। यह कानून यदि ईमानदारी से लागू हुआ, तो शिक्षा वास्तव में सुलभ और पारदर्शी हो सकेगी।


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✍️ #सरकारी_कलम रिपोर्ट | www.sarkarikalam.com_

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