👩👧 मां-बेटी ने साथ पास की NEET परीक्षा!
🩺 49 वर्षीया मां की दोबारा उड़ान बनी पूरे देश के लिए प्रेरणा 🌟
🗓️ तमिलनाडु | जुलाई 2025
मां सिर्फ जीवन देने वाली नहीं होती, कई बार वह खुद का सपना जीकर समाज को नई दिशा भी देती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया तमिलनाडु की 49 वर्षीय फिजियोथेरेपिस्ट अमुथवल्ली मणिवन्नन ने, जिन्होंने अपनी बेटी एम. संयुक्ता के साथ NEET-UG 2025 की परीक्षा पास कर इतिहास रच दिया।
💡 बेटी की किताबों से मां के सपने जगे
अमुथवल्ली ने बताया:
🗣️ “जब मैं अपनी बेटी को नीट की तैयारी करते देखती थी, तो मेरी पुरानी महत्वाकांक्षा फिर से जाग उठी। मैंने उसकी किताबें लीं, पढ़ाई शुरू की और खुद को एक बार फिर विद्यार्थी की तरह पाया।”
उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने 147 अंक हासिल कर PWD कोटा के अंतर्गत तेनकासी के पास के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीट हासिल कर ली।
👩⚕️ बेटी संयुक्ता ने भी उड़ान भरी
- बेटी संयुक्ता ने नीट में 450 अंक प्राप्त कर एक अच्छे मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाया।
- दोनों मां-बेटी ने साथ मिलकर पढ़ाई की, एक-दूसरे को प्रेरित किया और एक नई मिसाल पेश की।
🙌 समाज को दिया संदेश:
अमुथवल्ली की यह कहानी उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जिन्होंने पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते अपने सपनों को अधूरा छोड़ दिया था। उन्होंने साबित कर दिया कि:
🕰️ “सपनों की कोई उम्र नहीं होती, बस हिम्मत चाहिए उन्हें दोबारा जीने की।”
📊 NEET Counseling 2025 Update
तमिलनाडु में नीट की काउंसलिंग प्रक्रिया 30 जुलाई से शुरू हुई, जिसमें अमुथवल्ली और उनकी बेटी दोनों ने हिस्सा लिया। उनका यह समानांतर चयन लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
🗨️ सोशल मीडिया पर बधाइयों की बाढ़
जैसे ही ये खबर सामने आई, सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर बधाइयां दीं।
📱 “True example of determination.”
📱 “Mother-daughter goals!”
📱 “India needs more such inspiring stories.”
📌 निष्कर्ष
इस प्रेरक कहानी से यह सिद्ध होता है कि यदि इरादे मजबूत हों, तो उम्र, परिस्थिति या बाधाएं कुछ भी मायने नहीं रखतीं।
यह केवल एक परीक्षा पास करने की खबर नहीं है, यह उन तमाम सपनों के फिर से उड़ान भरने की शुरुआत है जो कभी हालातों के नीचे दब गए थे।
✒️ लेखक: सरकारी कलम टीम
🔗 www.sarkarikalam.com
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