💥 अब बिना आधार-पैन वेरिफिकेशन नहीं खरीद सकेंगे ज़मीन!
🧾 बैनामी संपत्ति पर सरकार की सबसे बड़ी चोट, पंजीकरण विधेयक-2025 तैयार!
📌 सरकार ने बैनामी संपत्तियों पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी कर ली है। अब ज़मीन-जायदाद की खरीद से पहले सिर्फ आधार या पैन नंबर देना काफी नहीं होगा — उनका वेरिफिकेशन भी ज़रूरी होगा!
🏠 क्या है पंजीकरण विधेयक 2025?
ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग ने “नया पंजीकरण विधेयक 2025” तैयार कर लिया है। इसका उद्देश्य बैनामी संपत्तियों और काले धन पर लगाम लगाना है।
👉 अभी तक सिर्फ दस्तावेज़ में आधार और पैन नंबर लिखना जरूरी था — लेकिन उनका वेरिफिकेशन नहीं किया जाता था।
➡️ नए कानून में यह अनिवार्य किया जाएगा कि:
- आधार की ऑनलाइन पुष्टि (e-KYC) हो
- पैन कार्ड नंबर की इनकम टैक्स पोर्टल से पुष्टि हो
🕵️♂️ बैनामी संपत्ति क्यों है चिंता का विषय?
बैनामी संपत्ति यानी वह ज़मीन या मकान, जो किसी और के नाम से खरीदी गई हो लेकिन इस्तेमाल किसी और के द्वारा किया जा रहा हो।
➡️ यह काले धन को सफेद करने का सबसे आसान तरीका रहा है।
सरकार के पास जब कोई वेरिफाइड लिंक नहीं होता कि असली खरीदार कौन है — तब ऐसे लेनदेन पकड़ना मुश्किल हो जाता है।
🧾 30 लाख से अधिक की रजिस्ट्री पर क्या होता है अभी?
वर्तमान व्यवस्था के अनुसार:
- सब-रजिस्ट्रार को 30 लाख से अधिक के लेन-देन की जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है।
- लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि कई बार यह सूचना या तो जाती नहीं या अधूरी जाती है।
💡 इसी वजह से बैनामी संपत्तियाँ आसानी से बच निकलती हैं।
🔒 अब कैसे बदलेगा सिस्टम?
नया विधेयक 2025 कुछ अहम बदलाव ला सकता है:
- 🧍♂️ बायर-सैलर दोनों का e-KYC अनिवार्य
- 📝 सभी दस्तावेज़ डिजिटल सत्यापन से जुड़ेंगे
- 🧾 PAN और आधार का API आधारित रियल-टाइम वेरिफिकेशन
- 🧮 संपत्ति की जानकारी सीधा आयकर विभाग को जाएगी
📉 काले धन और फर्जी रजिस्ट्री पर लगाम
सरकार की मंशा है कि:
- बैनामी संपत्तियों की पहचान और जब्ती तेज हो
- फर्जी दस्तावेज़ों और बोगस रजिस्ट्रियों पर रोक लगे
- ज़मीन की ownership traceability को बेहतर किया जाए
📢 सावधान रहें: जल्द ही ये बदलाव ज़मीन के हर खरीदार को प्रभावित करेंगे!
अगर आप भी ज़मीन या मकान खरीदने की सोच रहे हैं, तो ध्यान रखें — जल्द ही सिर्फ कागज पर आधार-पैन देना काफी नहीं होगा।
✅ सब कुछ ऑनलाइन वेरिफिकेशन के साथ होगा।
✅ गलत दस्तावेज़ देने पर फंस सकते हैं कानूनी कार्रवाई में।
📌 निष्कर्ष:
बैनामी संपत्ति के खेल को खत्म करने की दिशा में यह सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है।
यदि यह विधेयक पारित होता है, तो भारत में ज़मीन-जायदाद की पारदर्शिता का एक नया अध्याय शुरू होगा।
👉 सरकार की इस डिजिटल सर्जरी से अब काले धन और फर्जी खरीदारों को कोई छूट नहीं मिलेगी।