📋 आधार कार्ड की उलझन में अटके दाखिले, 📉 कैसे बढ़े छात्र संख्या?
🏫 लखनऊ, NBT रिपोर्ट: उत्तर प्रदेश के बेसिक स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए ज़ोर डाला जा रहा है, लेकिन आधार कार्ड से जुड़ी तकनीकी अड़चनों के कारण छात्रों के दाखिले फंसे हुए हैं। शिक्षकों और अभिभावकों दोनों के लिए यह एक बड़ी परेशानी बन चुकी है।
📌 पहले बनवाओ आधार, फिर करो दाखिला!
सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी बच्चे का दाखिला तब तक नहीं किया जाएगा जब तक उसका आधार नंबर न बन जाए। अगर पहले के किसी स्कूल में छात्र का नाम दर्ज है, तो पुराने डेटा को अपडेट करना भी आवश्यक है। बिना प्रमाण पत्र के नया आधार बनवाना आसान नहीं है, जिससे नए दाखिलों में भारी देरी हो रही है।
👨🏫 शिक्षक और विद्यालय हो रहे हैं परेशान
प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक बताते हैं कि वे छात्र संख्या बढ़ाने के दबाव में हैं, लेकिन आधार न होने से नए दाखिले में बाधा आ रही है। APPAAR-ID और के बीच तालमेल की कमी के कारण शिक्षकों को प्रशासनिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
🛠️ कैम्प से मिलेगा समाधान
कंचन वर्मा (जेडी, स्कूल शिक्षा): “कैम्प लगाकर समस्या का समाधान किया जाएगा। 4 अगस्त से कैम्प का शेड्यूल तैयार है, जिससे छात्र-छात्राओं का दाखिला सुगम हो सके।”
📣 शिक्षकों की मांग: शिबिर लगे हर स्कूल में
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह का कहना है कि कक्षा 1 से लेकर उच्च कक्षाओं तक बिना आधार के दाखिला होना मुश्किल है। ऐसे में प्रत्येक स्कूल पर आधार अपडेट/नामांकन कैम्प लगाए जाएं, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
🚀 समाधान की दिशा में कदम
अब सरकार ने 4 अगस्त से शुरू होने वाले आधार कैम्प के माध्यम से इस समस्या का हल निकालने की कोशिश की है। इससे न केवल दाखिलों में तेजी आएगी, बल्कि छात्र संख्या में भी सुधार देखने को मिलेगा। यह पहल शिक्षकों और अभिभावकों दोनों के लिए राहत की खबर है। 🙌
🔚 निष्कर्ष
शिक्षा का अधिकार तभी पूरा होगा जब प्रवेश प्रक्रिया सरल हो। आधार के फॉर्मलिटीज को सरल बनाकर और शिबिर के माध्यम से इस व्यवस्था को जनोन्मुखी और प्रभावी बनाया जा सकता है। 🎯
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