⚖️ नाबालिग की तस्वीर लेना भी अपराध हो सकता है


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⚖️ नाबालिग की तस्वीर लेना भी अपराध हो सकता है

🧒 मामले का सार:

  • 📅 घटना की तारीख: 31 अगस्त 2021
  • 📍 स्थान: बिछवां थाना, मैनपुरी (उत्तर प्रदेश)
  • 👧 पीड़िता: एक नाबालिग लड़की
  • 👨‍⚖️ न्यायालय: विशेष POCSO कोर्ट, एडीजे जितेंद्र मिश्रा

📷 क्या आरोप था?

  • आरोपी रिज़वान ने बिना अनुमति नाबालिग की तस्वीर खींची
  • उस तस्वीर के माध्यम से ब्लैकमेल कर कई बार दुष्कर्म किया
  • जब पीड़िता नहीं मानी, तो फोटो वायरल कर दी

🕵️‍♂️ जांच और कोर्ट कार्यवाही:

  • पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की
  • कोर्ट में पीड़िता ने दुष्कर्म की बात से इनकार किया (Hostile witness)
  • लेकिन तस्वीरों के सबूत मौजूद थे
  • अभियोजन ने वायरल फोटो को प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया

👨‍⚖️ कोर्ट का फैसला:

  • आरोपी रिजवान को दोषी करार दिया गया
  • एक साल की कैद और ₹1000 का जुर्माना
  • दुष्कर्म का दोष साबित नहीं हुआ, लेकिन बिना अनुमति नाबालिग की तस्वीर लेना
    एक गंभीर अपराध माना गया

📌 कानूनी दृष्टिकोण से क्यों महत्वपूर्ण है यह मामला?

  1. POCSO एक्ट और IT एक्ट के तहत,
    👉 नाबालिग की तस्वीर बिना सहमति के लेना और प्रसारित करना अपराध है।
  2. 📵 डिजिटल ब्लैकमेल या फोटो वायरल कर धमकाना
    बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है और यह कठोर सजा के दायरे में आता है।
  3. ⚠️ भले ही दुष्कर्म साबित न हो, लेकिन तस्वीर का दुरुपयोग
    अपने आप में कानूनी सजा के लिए पर्याप्त है।

🔒 जनता के लिए संदेश:

  • 📲 किसी भी नाबालिग की फोटो लेना, शेयर करना या इस्तेमाल करना
    बिना अभिभावक की अनुमति के अपराध है।
  • 🙅‍♀️ सोशल मीडिया पर भी यदि कोई नाबालिग की तस्वीर पोस्ट करता है,
    तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही हो सकती है।

एक्शन योग्य सुझाव:

अगर आप किसी को इस तरह की हरकत करते हुए देखें —
🔹 तुरंत पुलिस या चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) को सूचना दें
🔹 फोटो/वीडियो को शेयर करने से बचें
🔹 पीड़ित को कानूनी मदद दिलाएं


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