🏫 प्राथमिक स्कूल जालामऊ के विलय पर लगी रोक, मासूमों की लौटी मुस्कान 😊
लखनऊ, संवाद न्यूज एजेंसी: मलिहाबाद के प्राथमिक विद्यालय जालामऊ के छात्रों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर आई है। प्रशासन ने स्कूल के विलय पर रोक लगा दी है, जिससे बच्चों के चेहरे पर फिर से मुस्कान लौट आई है।
🔁 पुराने स्कूल में पढ़ाई का दोबारा शुभारंभ
बुधवार को जैसे ही बच्चों ने अपने पुराने स्कूल में दोबारा पढ़ाई शुरू की, तो उनके चेहरे खिल उठे। शिक्षकों की तुलना में बच्चे 20 दिनों की छुट्टी के बाद पढ़ाई में लौटने को लेकर बेहद उत्साहित नजर आए।
छात्राएं भी विद्यालय लौटकर बेहद खुश और उत्साहित दिखीं। उनकी शिक्षा यात्रा को फिर से पटरी पर लाने का यह कदम वास्तव में सराहनीय है।
📍 जालामऊ स्कूल का विलय क्यों हुआ था?
उत्तर प्रदेश में कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का पास के विद्यालयों में विलय करने का निर्देश जारी किया गया था।
मलिहाबाद के जालामऊ प्राथमिक विद्यालय को रेलवे ट्रैक पार स्थित सैदिना गांव के स्कूल में विलय कर दिया गया था।
लेकिन यह फैसला छात्रों के लिए खतरनाक और असुविधाजनक साबित हुआ क्योंकि छोटे बच्चों को रोज रेलवे ट्रैक पार करके स्कूल जाना पड़ता था। इससे पढ़ाई ठप हो गई थी।
🚫 रेल ट्रैक पार करना बना मुसीबत
रेलवे ट्रैक पार करके स्कूल जाना छोटे बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से गंभीर खतरा था। यही वजह रही कि 27 बच्चों की पढ़ाई बंद हो गई थी।
इस मुद्दे को प्रमुखता से समाचारों में उठाए जाने और स्थानीय लोगों के विरोध के बाद प्रशासन हरकत में आया और विलय पर रोक लगाने का फैसला लिया गया।
📰 मीडिया की भूमिका और प्रशासन की तत्परता
बुधवार को प्रकाशित खबर ने इस मामले को मजबूती से उठाया। इसके बाद शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन ने स्कूल का दोबारा संचालन शुरू करवाया।
स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
🎯 निष्कर्ष
यह मामला दर्शाता है कि जब मीडिया, समाज और प्रशासन मिलकर काम करें, तो छोटे-छोटे बच्चों का भविष्य सुरक्षित किया जा सकता है।
स्कूल का दोबारा खुलना मासूम छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।
📣 आप भी इस खबर को शेयर करें और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में योगदान दें!