⚖️ 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, अभ्यर्थियों को न्याय की उम्मीद
नई दिल्ली/लखनऊ।
69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षण नियमों में अनियमितता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (22 जुलाई) को अहम सुनवाई होनी है। इस सुनवाई से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय की बड़ी उम्मीदें हैं।
📌 क्या है मामला?
69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण नीति के क्रियान्वयन को लेकर शुरू से ही विवाद रहा है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया में अनुचित ढंग से आरक्षण लागू किया गया, जिससे आरक्षित वर्ग के हजारों योग्य अभ्यर्थी वंचित रह गए।
📢 ‘हाईकोर्ट हमारे पक्ष में था, सरकार की लापरवाही से पहुंचा सुप्रीम कोर्ट’
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने रविवार को कहा –
“हमने लंबे समय से सड़कों पर संघर्ष किया है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने हमारे पक्ष में निर्णय सुनाया, लेकिन सरकार की उदासीनता और गंभीरता की कमी के कारण मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।”
उन्होंने सरकार से अपील की कि वह सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर मजबूती से पक्ष रखे, ताकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ न्याय हो सके।
🔍 क्या चाहते हैं अभ्यर्थी?
- भर्ती प्रक्रिया में सही तरीके से आरक्षण का पालन।
- सुप्रीम कोर्ट में पूर्व में आए हाईकोर्ट के आदेशों को आधार बनाकर सरकार अपना पक्ष रखे।
- आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को उनका हक दिलाया जाए, जिसे वे योग्यता के आधार पर प्राप्त कर चुके हैं।
🗓️ आज की सुनवाई पर टिकी हैं हजारों निगाहें
इस मामले से जुड़े हजारों अभ्यर्थियों की सांसे टिकी हुई हैं कि सुप्रीम कोर्ट में उन्हें न्याय मिलेगा और उनका भविष्य सुरक्षित होगा। वहीं कई छात्र संगठनों और सामाजिक संगठनों ने भी सरकार से मांग की है कि न्यायिक आदेशों को सम्मानपूर्वक लागू किया जाए।
🎓 “हम किसी के खिलाफ नहीं, बस अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमें हाईकोर्ट से न्याय मिला, अब उम्मीद है सुप्रीम कोर्ट भी हमारा साथ देगा।”
— अमरेंद्र पटेल, आंदोलनकारी अभ्यर्थी
