🧾 सारांश: ग्राम सभा से बाहर पदस्थापित शिक्षकों के लिए शिक्षा निदेशक (बेसिक) का निर्देश
📍 जारीकर्ता: डॉ. लक्ष्मी प्रसाद पांडेय
📅 दिनांक: 2 नवम्बर, 1992 (संदर्भ पत्र)
📍 पद: शिक्षा निदेशक (बेसिक) एवं अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज
📝 प्रेषित को:
- मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक)
- जिला बेसिक शिक्षा अधिकारीगण
🔍 मुख्य बिंदु:
- ✅ स्थानांतरण नीति पर पुनर्विचार:
परिषद ने दिनांक 30.11.1992 तक ग्राम सभा से बाहर किए गए स्थानांतरणों पर विचार किया। - ✅ पूर्व विद्यालय में वापसी का अवसर:
👉 जिन शिक्षकों ने स्थानांतरित विद्यालय में कार्यभार ग्रहण कर लिया था, और अब अपने पूर्व विद्यालय में लौटना चाहते हैं,
👉 उन्हें रिक्ति होने पर वार्षिक प्रबंधन तक अपने पुराने विद्यालय में फिर से पदस्थापित किया जा सकता है। - ✅ स्थानांतरण स्थगन:
👉 जिन शिक्षकों ने अभी तक स्थानांतरित विद्यालय में कार्यभार ग्रहण नहीं किया है,
👉 उनके स्थानांतरण को वार्षिक प्रबंधन तक स्थगित रखा जाए। - ❌ 3.11.92 के बाद के आदेशों पर अलग विचार:
👉 3 नवम्बर 1992 के स्थानांतरण आदेशों से जो प्रभावित नहीं हैं, उन पर यह नीति लागू नहीं होगी,
👉 भले ही उन्होंने नए विद्यालय में कार्यभार न ग्रहण किया हो।
📌 निर्देश:
- संबंधित अधिकारियों से अपेक्षा की गई है कि 15 दिनों के भीतर उपरोक्त निर्देशों के अनुसार कार्रवाई पूर्ण करें।
📣 महत्वपूर्ण उपयोगिता:
यह आदेश शिक्षकों के हित में एक लचीला और मानवीय निर्णय था, जो यह दर्शाता है कि यदि कोई शिक्षक ग्रामसभा से बाहर स्थानांतरित हुआ है और बाद में वापसी की याचना करता है, तो रिक्ति होने पर वापसी संभव है, बशर्ते उसने कार्यभार लिया हो।
