उत्तर प्रदेश में 33,000 से अधिक शिक्षक पदों पर भर्तियां अटकीं: अभ्यर्थी परेशान, विभाग की निष्क्रियता जिम्मेदार
📍 लखनऊ, 3 जुलाई 2025 | सरकारी कलम विशेष रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी के बावजूद 33,000 से अधिक पदों पर भर्तियां फंसी हुई हैं, जिससे लाखों अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। यूपीपीएससी (उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग) और उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग शिक्षक भर्ती के लिए पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन माध्यमिक शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते ये भर्तियां शुरू नहीं हो पा रही हैं।
🔹 दोनों आयोगों को अधियाचन नहीं मिल रहा
- यूपीपीएससी को राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में भर्ती के लिए अधूरा अधियाचन मिला है।
- शिक्षा सेवा चयन आयोग को अशासकीय विद्यालयों के लिए एक भी अधियाचन नहीं मिला।
👉 आयोगों ने बार-बार विभाग को अधियाचन भेजने की मांग की, लेकिन शिक्षा विभाग का रवैया टालमटोल वाला बना हुआ है।
🧑🏫 प्रवक्ता और एलटी ग्रेड भर्ती: वर्षों से लंबित

🔹 तकनीकी बहाने और कागज़ी उलझनें
- आयोगों ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब तक सभी विषयों के अधियाचन (महिला व पुरुष वर्ग) पूरे नहीं होते, वे विज्ञापन जारी नहीं करेंगे।
- आरक्षण निर्धारण, विषयवार पदों का स्पष्ट ब्योरा, और तकनीकी परीक्षण जैसे मामूली प्रशासनिक कार्यों में महीनों की देरी हो रही है।
📉 अशासकीय विद्यालयों में भी संकट
सूत्रों के अनुसार, अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में:
- सहायक अध्यापक के करीब 20,465 पद,
- और प्रवक्ता के 4,384 पद खाली हैं।
फिर भी शिक्षा सेवा चयन आयोग को कोई अधियाचन अब तक प्राप्त नहीं हुआ।
🔥 भर्तियों में देरी से नुकसान किसे?
- छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित किया जा रहा है।
- बेरोजगार शिक्षकों की फौज हर साल बढ़ रही है।
- सरकार के बेसिक और माध्यमिक शिक्षा सुधारों के सारे दावे ज़मीनी हकीकत में खोखले नज़र आ रहे हैं।
🗣️ सरकारी कलम की अपील
👉 यूपी सरकार और शिक्षा विभाग को चाहिए कि इन भर्तियों को प्राथमिकता दें।
👉 सभी अधियाचन एक सप्ताह के भीतर आयोगों को सौंपे जाएं, ताकि विज्ञापन जारी कर भर्ती प्रक्रिया चालू हो सके।
📢 शिक्षा से खिलवाड़ बंद करो, नियुक्तियों को चालू करो!
✍️ सरकारी कलम टीम
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