🔴 राजकीय कॉलेजों और इंटर कॉलेजों की भर्ती व्यवस्था में बड़ा बदलाव – कैबिनेट के फैसले से खुलेंगे 13000+ पदों के रास्ते
📍 लखनऊ | सरकारी कलम विशेष रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा विभाग में भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में कई ऐतिहासिक फैसले किए हैं। कैबिनेट की बैठक में तीन प्रमुख बदलावों को हरी झंडी दी गई:
📘 1. असिस्टेंट प्रोफेसर (सहायक आचार्य) की भर्ती में अब लिखित परीक्षा अनिवार्य
🔹 पहले केवल साक्षात्कार के आधार पर चयन होता था।
🔹 अब प्रस्तावित संशोधन में:
- 80 अंक की लिखित परीक्षा (Objective)
- 20 अंक का साक्षात्कार
- चयन कुल 100 अंकों के आधार पर
🔹 इसका उद्देश्य है:
- पारदर्शिता
- मेरिट आधारित चयन
- शिक्षण गुणवत्ता में सुधार
🔹 इसके लिए “उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा (समूह-क) सेवा नियमावली – तृतीय संशोधन 2025” को कैबिनेट से मंजूरी मिली।
🏫 2. इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती और पदोन्नति दोनों संभव
🔹 अब तक 700 से अधिक पद खाली पड़े थे।
🔹 नए नियमों के अनुसार:
- 300 पदों पर सीधी भर्ती
- अन्य पदों पर पदोन्नति
- बीएड की अनिवार्यता केवल एनसीईटी से मान्यता प्राप्त संस्थान से ही मानी जाएगी।
🔹 पदोन्नति कोटा संशोधित:
- पुरुष शाखा: 61% ➡️ 33%
- महिला शाखा: 22% ➡️ 33%
- निरीक्षण शाखा: 17% ➡️ 34%
🔹 राजकीय इंटर कॉलेजों में 1000 से ज्यादा प्रधानाचार्य पदों की बहाली का रास्ता साफ
🏥 3. डॉ. केएन मोदी यूनिवर्सिटी को संचालन की अनुमति
🔹 गाजियाबाद में डॉ. केएन मोदी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च द्वारा निजी विवि संचालन को प्राधिकार पत्र जारी किया गया।
📊 कुल मिलाकर असर:
श्रेणी

📌 निष्कर्ष:
कैबिनेट के ये फैसले राजकीय शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता, पारदर्शिता और अवसरों की बहाली को दर्शाते हैं। शिक्षकों व छात्रों दोनों के हित में यह एक बड़ा कदम है।
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✍️ सरकारी कलम टीम
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