⚠️ एनसीटीई के फर्जी पत्र से ली बीएड की मान्यता – सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा!

⚠️ एनसीटीई के फर्जी पत्र से ली बीएड की मान्यता – सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा!

📍 लखनऊ: निजी डिग्री कॉलेजों की बड़ी लापरवाही उजागर

उत्तर प्रदेश में निजी डिग्री कॉलेजों द्वारा बीएड कोर्स की मान्यता के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) के फर्जी पत्रों का उपयोग किए जाने का मामला सामने आया है। इन कॉलेजों ने फर्जी ID से एनसीटीई की वेबसाइट पर दस्तावेज़ अपलोड कर दिए, जिससे उन्हें मान्यता मिल गई। 😱📄

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फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद संबंधित कॉलेजों की मान्यता पर संकट मंडराने लगा है। साथ ही अब डिग्री धारकों के भविष्य पर भी खतरा उत्पन्न हो गया है।

🕵️‍♀️ कब और कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

मार्च 2020 के जिस पत्र का हवाला देकर कॉलेजों ने बीएड की मान्यता ली, वह फर्जी पाया गया है। लखनऊ के अजीम मममैरियल नेशनल डिग्री कॉलेज द्वारा यह फर्जी दस्तावेज़ अपलोड किया गया था। इसी तरह के दस्तावेजों के सहारे कई अन्य कॉलेजों ने भी मान्यता ली है।

📅 विशेष: 03 मार्च 2020 के जिस रजिस्ट्रेशन पत्र का हवाला दिया गया, वह अब तक सत्यापित नहीं हो सका है। यह संदेह को और गहरा करता है।

🔍 जांच होगी तेज़ – कई और कॉलेज जांच के घेरे में

एनसीटीई के आईटी सेक्शन को जिम्मेदारी दी गई है कि यह पता लगाया जाए कि फर्जी दस्तावेज वेबसाइट पर कैसे अपलोड हुए। इसके बाद अब अन्य बीएड कॉलेजों की भी जांच की जाएगी। यदि जांच सख्ती से की गई तो बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है। 🔎🚨

सूत्रों की मानें तो यह फर्जीवाड़ा एक बड़े रैकेट की ओर इशारा करता है, जिसमें तकनीकी टीम से लेकर प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।

⚖️ विश्वविद्यालय और सरकार से जवाब तलब

एनसीटीई ने संबंधित विश्वविद्यालय से पूछा है कि मान्यता से संबंधित पत्र का सत्यापन क्यों नहीं किया गया? वहीं, सरकार से जवाब मांगा गया है कि इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई।

जांच कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें डिजिटल सुरक्षा विशेषज्ञ, उच्च शिक्षा अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं।

🔔 निष्कर्ष: बीएड पाठ्यक्रमों की मान्यता में इस तरह का फर्जीवाड़ा न केवल शिक्षा की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए खतरा बन सकता है। अब देखना होगा कि जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है और दोषियों पर कब तक कार्रवाई होती है। ⏳⚖️

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