
कल जब शिक्षकसंघ वाले पर्ची काटने आए तो उनसे जरूर पूछना की कहां मर गए थे वह जब स्कूल विलय हो रहा था यह सब उसे चीज के जिम्मेदार हैं हमारे दिखावे के अभिभावक बन बैठे हैं और इनका आंदोलन सत्ता के चरणों में पड़ा रहता है गिड़गिड़ाता रहता है ।। जब भी कोई मामला तूल पकड़ता है यह लोग सबसे पहले पिछले दरवाजे से जाकर सत्ता से हाथ मिला लेते हैं अब सबको पता चल गया है इनका असली चेहरा अब शिक्षक समाज जागरूक हो गया है आगे से आपको आप की असली तथा स्थित पहचानवाएगा ।। आपको आईना दिखाने का काम शिक्षक करेगा ।।
बने हुए हैं महामंत्री जिला मंत्री ब्लॉक मंत्री यह मंत्री वह मंत्री क्या फायदा ऐसे मंत्री गिरी का जब कोई शिक्षकों का अहित हो रहा होगा तो आप लोग घर पर शरबत पी रहे होंगे , आज इससे ज्यादा शर्मनाक दिन महीना साल और वक्त कुछ भी नहीं हो सकता जितना सरकार ने हम लोगों को दिखाया है और यह भी आज विपरीत परिस्थितियों में विषम परिस्थितियों में यह जानने का मौका मिला कि कौन कैसा है उसका असली चेहरा क्या है और वह किसके लिए काम कर रहा है खुद इलेक्शन करके खुद माला पहन लेने वाले लोग सत्ता के चरणों में खुद के लिए स्वार्थी होकर अपना काम बनाने वाले ऐसे लोगों के बारे में शिक्षक जागरूकता के साथ अगले आने वाले समय पर खड़ा दिखाई देगा।। इसे अच्छा तो राजनीतिक पार्टियों के लोग हैं जो काम से कम अपने स्वार्थ के ही लिए ही सही हमारे साथ खड़े तो हैं अन्य के साथ लड़ाई लड़ने को तैयार तो हैं यह न्याय नहीं तो क्या है कल का नौकरियां जब जाएगी सबसे पहले आम शिक्षक की नौकरियां जाएंगी आम शिक्षकों का हित प्रभावित होगा आज जब दूसरे का स्कूल विलन हो रहा है तो लोग यह सोचकर शायद खुश हैं कि मेरा तो नहीं हो रहा यह आपका स्कूल ही है जो शायद भविष्य में नहीं रहेगा आप जिस भी स्कूल में है उसकी भी भविष्य की गारंटी कौन लेगा जहां सरकार मनमाने तरीके से आज संवैधानिक तरीके से स्कूल खत्म करने पर