“रिंकू सिंह बनेंगे बीएसए?” – नियमावली के आगे ‘सिक्सर किंग’ की सरकारी नौकरी पर संकट

📰 विशेष रिपोर्ट | सरकारी कलम
“रिंकू सिंह बनेंगे बीएसए?” – नियमावली के आगे ‘सिक्सर किंग’ की सरकारी नौकरी पर संकट


🏏 क्रिकेटर रिंकू सिंह और BSA की कुर्सी – सपना या सच्चाई?

उत्तर प्रदेश के होनहार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर रिंकू सिंह को प्रदेश सरकार द्वारा राजपत्रित श्रेणी-2 अधिकारी बनाए जाने की चर्चाएं इन दिनों ज़ोरों पर हैं। वायरल हुए पत्रों में दावा किया गया कि रिंकू सिंह को बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) पद पर नियुक्त किया जाएगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह नियुक्ति नियमों के तहत संभव है?


📜 नियमावली का ‘बोल्ड’ सवाल – क्या रिंकू अर्ह हैं?

BSA पद की नियमावली के अनुसार यह पद राजपत्रित श्रेणी-2 अधिकारी का है, जिसके लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) निर्धारित है। वहीं, विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार रिंकू सिंह ने अभी हाईस्कूल (10वीं) तक ही शिक्षा प्राप्त की है

▶ इस आधार पर देखा जाए तो रिंकू को PG डिग्री तक पहुंचने के लिए कम से कम 8 साल की पढ़ाई करनी होगी –
👉 हाईस्कूल के बाद इंटरमीडिएट – 2 वर्ष
👉 स्नातक – 3 वर्ष
👉 परास्नातक – 2 वर्ष
👉 साथ ही B.Ed. जैसी आवश्यक डिग्री होने की संभावना भी देखनी होगी

जबकि शिथिलता की अधिकतम अवधि सिर्फ 7 वर्ष है, यानी नियमों में राहत देकर भी वो BSA बनने की पात्रता हासिल नहीं कर सकेंगे।

WhatsApp Channel Join Now
WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now

📋 तो फिर BSA बनाने की चर्चा क्यों?

मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली-2022 के अंतर्गत 7 खिलाड़ियों के नाम पर मुहर लगाई है। इनमें रिंकू सिंह का नाम प्रमुखता से शामिल है।

इस नियमावली के अनुसार:

खेल में अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को बिना प्रतियोगी परीक्षा के ग्रुप-A/ग्रुप-B पदों पर नियुक्ति दी जा सकती है, बशर्ते वे अनिवार्य शैक्षिक अर्हताएं पूरी करते हों।

इससे यह तो साफ है कि रिंकू को सरकारी पद मिल सकता है, लेकिन BSA नहीं, जब तक वे आवश्यक शिक्षा पूरी न कर लें या नियम में विशेष संशोधन न किया जाए।


⚖️ क्या नियम बदलेगा सरकार?

विभागीय सूत्रों की मानें तो “रिंकू सिंह जैसे खिलाड़ी की प्रतिभा और देश-प्रदेश के लिए योगदान को देखते हुए”, उनके लिए कोई विशेष पद या नियमावली संशोधन किया जा सकता है।

कुछ विकल्पों में शामिल हैं:
🔹 किसी और गैर-शैक्षिक विभाग में राजपत्रित पद
🔹 खेल विभाग, प्रेरक पद, या ब्रांड एम्बेसडर भूमिका
🔹 मानद पद जिसमें निर्णय की भूमिका न हो


🧑‍🏫 BSA जैसे जिम्मेदार पद को लेकर शिक्षक संगठनों में चिंता

बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) का पद न सिर्फ प्रशासनिक बल्कि शैक्षणिक निर्णयों का केंद्र होता है। यह पद विद्यालय संचालन, शिक्षक नियुक्ति, छात्र हितों और सरकारी योजनाओं की निगरानी से जुड़ा होता है।

इसलिए शिक्षक संगठन यह सवाल उठा रहे हैं कि—

“अगर शैक्षिक योग्यता पूरी न हो, तो BSA पद पर बैठा व्यक्ति कैसे निर्णय लेगा?”


🗣️ सरकारी कलम की राय: शिक्षा के पद पर शैक्षणिक आधार हो जरूरी

✅ रिंकू सिंह का सम्मान प्रदेश की शान है
❌ लेकिन BSA जैसे पद पर शैक्षिक और प्रशासनिक योग्यता का पालन जरूरी है

सरकार को चाहिए कि रिंकू जैसे खिलाड़ियों को
🎖️ प्रेरणा पद
🎓 खेल विकास बोर्ड
📢 या युवाओं के लिए रोल मॉडल की भूमिका दी जाए — ताकि प्रेरणा मिले, पर व्यवस्था भी न बिगड़े।


📌 निष्कर्ष

रिंकू सिंह की प्रतिभा पर कोई सवाल नहीं, लेकिन शिक्षा पदों पर योग्यता को ताक पर रखना भी उचित नहीं। BSA पद के लिए वे फिलहाल अर्ह नहीं हैं — और कोई नियुक्ति होने पर यह विवाद का विषय बन सकता है।


✍️ लेख: सरकारी कलम संपादकीय टीम
📅 दिनांक: 24 जून 2025
📣 #शिक्षा_की_गौरवगाथा #सरकारी_कलम


Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top