⚖️ जस्टिस वर्मा पर लगे आरोप गंभीर, पद पर बने रहना अब मुमकिन नहीं!
📰 रिपोर्ट: जांच समिति ने माना – आचरण अनुचित, हटाने की जरूरत
उनके आवास से बड़ी मात्रा में नकदी मिलने के बाद समिति द्वारा की गई पड़ताल में आचरण भ्रष्ट और अनुचित पाया गया है।
🔍 क्या कहती है जांच रिपोर्ट?
- 🧾 समिति ने सिफारिश की है कि जस्टिस वर्मा को तत्काल पद से हटाया जाए।
- 🏛️ राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपी गई है, जिन्होंने प्रक्रिया शुरू कर दी है।
- 👨⚖️ सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पूरी जांच हुई है।
🗣️ गवाह ने कहा – “जीवन में पहली बार ऐसा देखा”
एक प्रमुख गवाह ने बताया कि जस्टिस वर्मा के घर पर छापा मारने के दौरान इतनी नकदी देखना आश्चर्यजनक था। करीब ₹500 और ₹2000 के नोटों की गड्डियां, जो अलग-अलग बैग और अलमारियों में रखी गई थीं, सामने आईं।
यह घटनाक्रम न्यायपालिका की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े करता है।
📌 इन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा
- 🏠 जस्टिस वर्मा ने सरकारी आवास को निजी संपत्ति की तरह इस्तेमाल किया।
- 💰 मिली रकम और दस्तावेज़ों से कई अन्य मामलों में भी संलिप्तता के संकेत मिले हैं।
- 📑 समिति ने स्पष्ट किया कि न्यायाधीश का यह आचरण पद की गरिमा के विपरीत है।
🔴 क्या होगा आगे?
👉 रिपोर्ट के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। अब यह केंद्र सरकार पर निर्भर करेगा कि वह अगला कदम कब और कैसे उठाती है।
💼 अगर संसद में महाभियोग प्रस्ताव आता है, तो यह भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में एक बड़ी घटना होगी।