अभ्यर्थियों ने 13 जून को घोषित किया चौथा महाधरना
प्रयागराज में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की कार्यप्रणाली से नाराज अभ्यर्थियों ने 13 जून को चौथे महाधरने की घोषणा की है। यह फैसला आयोग के खिलाफ चल रहे अनिश्चितकालीन धरने के 11वें दिन लिया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक भर्ती प्रक्रिया को लेकर ठोस आश्वासन नहीं मिलता, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
डीएलएड छात्रों का मार्च: परीक्षा कार्यालय से आयोग तक
शनिवार को डीएलएड प्रशिक्षित छात्रों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से आयोग तक मार्च निकालते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया। छात्रों ने बताया कि पहले प्राथमिक शिक्षक भर्ती की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी की थी, लेकिन बाद में इसे उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को सौंप दिया गया। बावजूद इसके, आयोग द्वारा दो वर्षों से कोई नई भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है।
🔺 डीएलएड प्रशिक्षित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रजत सिंह का नेतृत्व जारी है।
🔺 भर्ती प्रक्रिया में ठोस आश्वासन की मांग को लेकर छात्रों का प्रदर्शन तेज होता जा रहा है।
आश्वासन नहीं, कार्रवाई चाहिए: अभ्यर्थियों की मांग
छात्रों ने स्पष्ट कहा कि उन्हें अब सिर्फ शब्दों में भरोसा नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें भर्ती तिथियों और प्रक्रिया की स्पष्ट घोषणा चाहिए। रजत सिंह ने कहा, “यदि भर्ती प्रक्रिया को लेकर सरकार कोई स्पष्ट दिशा नहीं देती है, तो छात्रों का आंदोलन और अधिक तेज़ किया जाएगा।”
गौरतलब है कि यह चौथा महाधरना होगा, इससे पहले भी कई बार छात्रों ने प्रदर्शन किए हैं, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन देकर लौटा दिया गया। अब अभ्यर्थियों का विश्वास पूरी तरह से टूट चुका है।
क्या 13 जून को होगा निर्णायक?
13 जून को होने वाला यह प्रदर्शन सरकार और शिक्षा विभाग के लिए एक बड़ी परीक्षा हो सकता है। क्या इस बार छात्रों को उनकी आवाज़ का जवाब मिलेगा? क्या आयोग कोई ठोस निर्णय लेगा?
अब देखना यह है कि इस चौथे महाधरने से सरकार और आयोग कितनी संजीदगी से निपटते हैं। छात्रों की मांगें स्पष्ट हैं और उनकी आवाज़ अब और भी बुलंद हो रही है।