जम्मू-कश्मीर में तीन सरकारी कर्मचारी बर्खास्त, आतंकी संगठनों से थे जुड़े
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आतंकवाद को समर्थन देने वाले तीन सरकारी कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। यह कड़ी कार्रवाई उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के निर्देश पर की गई है और इसका उद्देश्य सरकारी तंत्र में छिपे आतंकी मददगारों की सफाई करना है।
🔴 बर्खास्त किए गए कर्मचारी और उनके आतंकी संबंध

🧨 प्रमुख खुलासे:
- एजाज अहमद:
- शिक्षक की आड़ में हिजबुल का सहयोगी।
- पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के आतंकी आबिद रमजान शेख के संपर्क में था।
- हथियारों और प्रचार सामग्री के साथ 2023 में गिरफ्तार।
- इशफाक नसीर:
- पुलिस वर्दी में रहते हुए आतंकी सहायता करता था।
- उसका भाई पाक प्रशिक्षित लश्कर आतंकी था, जो 2018 में मारा गया।
- पाकिस्तान को सुरक्षा प्रतिष्ठानों की जानकारी भेजता था।
- वसीम अहमद खान:
- 2007 से सरकारी मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर में कार्यरत।
- पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या में भूमिका।
- खुफिया एजेंसियों के अनुसार, उसका आतंकी नेटवर्क से सीधा संबंध था।
⚖️ प्रशासन का कड़ा संदेश
- बर्खास्तगी अनुच्छेद 311(2)(c) के तहत की गई है, जिसमें बिना जांच के सेवा समाप्ति का प्रावधान होता है यदि राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो।
- यह निर्णय जम्मू-कश्मीर में आतंक के विरुद्ध “जीरो टॉलरेंस” नीति का हिस्सा है।
📌 निष्कर्ष:
यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि सरकारी सेवा में आतंकी मददगारों के लिए कोई स्थान नहीं है। आतंकवाद को अंदर से पोषण देने वाले अब प्रशासन के निशाने पर हैं। जम्मू-कश्मीर प्रशासन का यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देने की दिशा में एक मजबूत संकेत है।
🛑 “अब वर्दी या सरकारी पद किसी को आतंक की ढाल नहीं देगा।”