🔴 36 से 46 की उम्र: सेहत के लिए सबसे निर्णायक दशक!
अगर नहीं छोड़ी शराब, सिगरेट और आलस्य की आदतें तो भविष्य में भुगतनी पड़ सकती है भारी कीमत
स्वस्थ जीवनशैली की असली शुरुआत: 36 से 46 की उम्र
अक्सर कहा जाता है कि सेहतमंद जीवन की नींव युवावस्था में रखी जाती है, लेकिन एक नए शोध से यह बात सामने आई है कि 36 से 46 वर्ष की उम्र का दशक हमारी सेहत के लिए सबसे निर्णायक होता है।
इस दौरान धूम्रपान, शराब और आलस्य जैसी आदतें यदि बनी रहीं, तो यह आदतें शरीर और मस्तिष्क को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकती हैं।
शोध क्या कहता है?
यह अध्ययन फिनलैंड के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है और इसे एनेल्स ऑफ मेडिसिन नामक अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
शोध में सैकड़ों लोगों के 30 वर्षों के स्वास्थ्य आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। इसमें यह पाया गया कि जो लोग 30 की उम्र के बाद भी शराब, सिगरेट और व्यायाम की कमी
20-30 की उम्र: इस दौरान शरीर इन आदतों को सहन कर लेता है, नुकसान धीमा होता है। 30 के बाद: वही आदतें तेजी से शरीर और दिमाग को कमजोर करना शुरू कर देती हैं। 40 के बाद: ये आदतें मानसिक रोगों को जन्म देती हैं। 50 की उम्र: रोग गंभीर रूप ले सकते हैं और जीवन की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित होती है। इस शोध से स्पष्ट है कि अगर आपने 36 से पहले अपने जीवन में सुधार नहीं किया, तो अगला दशक निर्णायक बन सकता है। अभी भी समय है कि: याद रखिए, एक भी गलत आदत आपके शरीर और मस्तिष्क को स्थायी रूप से प्रभावित कर सकती है।खतरनाक आदतों का शरीर पर असर
उम्र के अनुसार असर
क्या करें? – जीवनशैली में बदलाव की ज़रूरत
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