मोबाइल की लत से ‘कंधा जाम’: PGI कानपुर के अध्ययन में चौंकाने वाले खुलासे
घंटों सिर झुकाकर स्क्रीन देखने से सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस और फ्रोजन शोल्डर की समस्या बढ़ी, बच्चों तक पर असर
कानपुर, 23 मई:
अगर आप भी घंटों सिर झुकाकर मोबाइल चलाते हैं, तो सतर्क हो जाइए। PGI कानपुर के पेन मेडिसिन विभाग ने एक अध्ययन में खुलासा किया है कि मोबाइल स्क्रीन देखने की आदत से सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस और कंधा जाम (फ्रोजन शोल्डर) की समस्या तेजी से बढ़ रही है — और यह सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं, 10-11 साल के बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष:
- 100 रोगियों पर अध्ययन किया गया (उम्र 18–65 वर्ष)
- 32% मामलों में सिर झुकाकर मोबाइल देखने को मुख्य कारण पाया गया
- MRI जांच में कंधे में कोई रोग नहीं, लेकिन C4-C6 स्लिप डिस्क से नसों पर दबाव
- रोगियों को झनझनाहट, सुन्नपन, और हाथ ऊपर उठाने में तकलीफ
- यह स्थिति Cervical Radicular Syndrome कहलाती है
बच्चों पर भी असर:
डॉ. चंद्रशेखर ने बताया कि अब पेन मेडिसिन की ओपीडी में 10-11 साल के बच्चे भी आ रहे हैं जिनके कंधे जाम हो चुके हैं।
यह अलार्मिंग स्थिति है, क्योंकि इतनी कम उम्र में स्पाइनल समस्याएं पहले नहीं देखी जाती थीं।
क्या होता है जब आप सिर झुकाते हैं?

जैसे-जैसे सिर का झुकाव बढ़ता है, स्पाइन पर दबाव भी कई गुना बढ़ जाता है, जिससे डिस्क स्लिप और नर्व कंप्रेशन होने लगता है।
डॉक्टरों की सलाह:
- हर 20-30 मिनट में सिर सीधा कर ब्रेक लें
- मोबाइल को आंखों के समांतर पकड़ें
- गर्दन और कंधे की स्ट्रेचिंग करें
- बच्चों के स्क्रीन टाइम पर सख्त नियंत्रण रखें
अगला कदम:
डॉ. चंद्रशेखर के अनुसार, अब मोबाइल स्क्रीन और स्पाइन से जुड़ी समस्याओं पर विस्तृत राष्ट्रीय स्तर पर शोध की तैयारी है।