एडेड कॉलेजों के मृतक शिक्षकों के परिजनों को बड़ी राहत: अब मिलेगा डेथ ग्रेच्युटी का लाभ
उच्च शिक्षा विभाग ने कैबिनेट की मंजूरी के बाद जारी किया शासनादेश
लखनऊ, 23 मई:
प्रदेश सरकार ने सहायता प्राप्त अशासकीय (एडेड) महाविद्यालयों में कार्यरत मृतक शिक्षकों के परिजनों को मृत्यु उपादान (Death Gratuity) देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इससे उन शिक्षकों के परिजनों को आर्थिक सहायता मिल सकेगी जिनका सेवाकाल के दौरान निधन हो गया।
किन्हें मिलेगा लाभ?
- जिन शिक्षकों ने सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं दिया था और 58 वर्ष की आयु से पहले निधन हो गया।
- जिन्होंने 60 वर्ष की सेवा का विकल्प चुना, लेकिन विकल्प परिवर्तन की तय अवधि से पहले ही मृत्यु हो गई।
- 03 फरवरी 2004 के बाद नियुक्त वे शिक्षक, जिन्होंने सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं चुना और 60 वर्ष से पहले निधन हुआ।
- 62 वर्ष की सेवा अवधि का विकल्प भरने वाले शिक्षक जिनका विकल्प परिवर्तन की समयसीमा से पहले निधन हुआ।
क्या है डेथ ग्रेच्युटी?
यह एक एकमुश्त वित्तीय सहायता होती है जो शासकीय या अर्द्धशासकीय सेवकों की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को दी जाती है। अब एडेड कॉलेजों के शिक्षक भी इस लाभ के दायरे में आ गए हैं।
सरकार की मंशा:
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा, “यह फैसला शिक्षकों के परिवारों को राहत देने और न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”