तबादलों का असर : अब 10 हजार स्कूलों को मिलेंगे पर्याप्त शिक्षक
ज्यादा से कम शिक्षक वाले स्कूलों में मिलेगा संतुलन, छात्रों को मिलेगा बेहतर शिक्षण
8 साल बाद शुरू हुई सामान्य तबादला प्रक्रिया
लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग ने आठ वर्षों के लंबे अंतराल के बाद शिक्षकों के सामान्य तबादलों की प्रक्रिया को शुरू किया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों की संख्या में असंतुलन से जूझ रहे विद्यालयों को राहत पहुंचाना है।
प्रदेश के 1700 से अधिक विद्यालयों में नामांकन अधिक है लेकिन शिक्षक पर्याप्त नहीं हैं। अब इस प्रक्रिया के तहत 10 हजार से अधिक विद्यालयों को उनके अपेक्षित शिक्षक मिल सकेंगे।
गर्मी की छुट्टियों में पूरी हो सकती है प्रक्रिया
बेसिक शिक्षा विभाग की योजना है कि इस बार की गर्मी की छुट्टियों में ही सामान्य तबादलों की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाए।
वर्ष 2023 में दूसरे चरण में 24 दिनों के भीतर 16614 शिक्षकों के तबादले किए गए थे। उसी मॉडल को इस बार भी अपनाया जा रहा है।
कमी वाले जिलों को मिलेगा प्राथमिकता
बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव के अनुसार, जिन जिलों में शिक्षक कम हैं वहां प्राथमिकता के आधार पर तबादले किए जाएंगे। इससे न सिर्फ शिक्षकों को बेहतर स्थान मिलेगा बल्कि छात्रों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सकेगी।
विभाग ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों में छात्रों की संख्या और शिक्षकों की उपलब्धता के अनुसार स्थानांतरण सुनिश्चित किए जाएंगे।
वर्तमान चल रहे ई-ट्रांसफर पर भी असर
राज्य में पहले से चल रही ई-ट्रांसफर प्रक्रिया के साथ ही यह सामान्य तबादला प्रक्रिया भी शिक्षा व्यवस्था को संतुलित करने में मदद करेगी।
विभिन्न शिक्षक संगठनों की मांग रही है कि शिक्षकों को उनकी इच्छा अनुसार तैनाती दी जाए, लेकिन विभाग का जोर शिक्षा की गुणवत्ता पर है।
क्या बदलेगा इस प्रक्रिया से?
- कम शिक्षक वाले 10,000 स्कूलों में मिलेगा संतुलन
- छात्रों को बेहतर शिक्षण सुविधा
- शिक्षकों को उनकी पसंद का स्थान
- शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता
- शिक्षकों की कार्य संतुष्टि में वृद्धि