45 हजार परिषदीय स्कूलों में खिली बचपन की मुस्कान

45 हजार परिषदीय स्कूलों में खिली बचपन की मुस्कान

समर कैंप की शुरुआत ने स्कूलों में लौटाया उत्सव का माहौल

लखनऊ: लंबे विरोध और बहस के बीच जब बुधवार को उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में समर कैंप की शुरुआत हुई, तो कई स्कूलों में ऐसा लगा मानो बचपन खुद मुस्कुरा उठा। बच्चों की खिलखिलाहट और रचनात्मक गतिविधियों ने विद्यालय परिसर को उत्सव स्थल में बदल दिया।

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शिक्षकों का मिला समर्थन

कुछ शिक्षक संगठनों ने गर्मियों की छुट्टियों में कैंप चलाने के फैसले का विरोध जरूर किया था, लेकिन जिन स्कूलों ने इसे अपनाया, उन्होंने नई ऊर्जा और रचनात्मकता का अनुभव किया। पहले दिन बच्चों ने जैसे ही स्कूल की चौखट लांघी, वे नाच, गाने और कहानियों की दुनिया में खो गए।

छांव में खेल और नई सीख

तेज गर्मी में भी शिक्षक ठंडी छांव बनकर बच्चों के साथ खेले, गीत गाए और नई बातें सिखाईं। इस अनुभव ने बच्चों के मन में उत्साह और आत्मविश्वास भर दिया।

शुभारंभ से संवाद तक

स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने लखनऊ के बक्शी का तालाब स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय हरसाखेड़ा में समर कैंप का शुभारंभ किया। उन्होंने बच्चों के साथ संवाद किया, क्रिकेट खेला और उनकी रचनात्मक गतिविधियों की प्रशंसा की।

45 हजार स्कूलों में रौनक

यह समर कैंप 10 जून तक चलेगा और इसमें 45,628 परिषदीय उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों (कक्षा 6-8) के अधयनरत बच्चे भाग लेंगे। इन कैंपों में वे अपनी इच्छा से नई गतिविधियां सीखेंगे और साझा करेंगे

समर कैंप ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि शिक्षा सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं, बल्कि खुशियों और अनुभवों से भरा एक उत्सव भी हो सकता है।

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