“60% भी काफी हैं”: बेटे की मार्कशीट साझा कर बीएसए ने दिया हर अभिभावक को प्रेरणादायक संदेश
अलीगढ़🗾। 16 वर्षीय एक छात्र ने हाईस्कूल में 62% अंक प्राप्त किए और पिता की डांट से आहत होकर घर छोड़कर दिल्ली पहुंच गया। वहीं दूसरी ओर, अलीगढ़ के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) डॉ. राकेश कुमार सिंह ने अपने बेटे ऋषि सिंह के सीबीएसई कक्षा 12वीं में 60% अंक प्राप्त करने पर गर्व जाहिर करते हुए सोशल मीडिया पर एक बेहद प्रेरणादायक पोस्ट साझा की।
“सरकारी नौकरी मिलने पर भी इतनी खुशी नहीं हुई थी”💓
डॉ. सिंह ने बेटे की मार्कशीट सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा –
“आपने 60 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। मेरे तो बीए में 52%, हाईस्कूल में 60% और इंटर में 75% अंक थे। लेकिन मैं फिर भी आगे बढ़ा, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ा और 2000 में लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की। इतना खुश तो मैं सरकारी नौकरी मिलने पर भी नहीं हुआ था, जितना आज हूं।”
डर नहीं, समर्थन चाहिए बच्चों को🥇💯
बीएसए ने पोस्ट में स्पष्ट संदेश दिया कि बच्चों को उनके अंकों के आधार पर आंकने की बजाय उन्हें प्रेरित और सहयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा,
“आपका बच्चा ब्रह्मांड की अनमोल रचना है। उस पर अपनी अपेक्षाओं का बोझ न डालें। अगर मेरे मां-बाप भी अंकों के आधार पर मुझे असफल मान लेते तो मैं यहां तक नहीं पहुंच पाता।”
अभिभावकों के लिए विशेष संदेश🗣️
बीएसए ने सभी माता-पिता से अपील की कि
- कम अंक आने पर बच्चों को ताने न दें।
- उन्हें समझाएं, सुनें और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें।
- परीक्षा जीवन का एक हिस्सा है, पूरा जीवन नहीं।
एक ओर पिता की डांट, दूसरी ओर समझदारी का संदेश✍️
जहाँ एक तरफ एक किशोर डांट की वजह से घर छोड़कर चला गया, वहीं बीएसए डॉ. राकेश सिंह का यह व्यवहार हर माता-पिता के लिए एक सीख है कि अंक सिर्फ एक पड़ाव हैं, मंज़िल नहीं। सही मार्गदर्शन और समर्थन से बच्चा किसी भी मुकाम को हासिल कर सकता है।
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