सायरन बजते ही रहें शांत और सतर्क: मॉक ड्रिल के तहत तैयार भारत
भारत-पाक तनाव के बीच सुरक्षा और आपदा प्रबंधन का सबसे बड़ा अभ्यास
सायरन बजने के साथ ही लोगों को शांत और सतर्क रहने की सलाह दी गई है। सुरक्षा बलों और आम नागरिकों के बीच तालमेल बैठाने के उद्देश्य से यह मॉक ड्रिल ऐतिहासिक मानी जा रही है।
एहतियात के तौर पर ब्लैकआउट और अलर्ट
चंडीगढ़ में शाम 10 मिनट के लिए ब्लैकआउट किया जाएगा। इसी दौरान बिजली आपूर्ति रोककर नागरिकों को अभ्यास की गंभीरता समझाई जाएगी। इस दौरान सभी लोग घर के अंदर सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी जाएगी।
इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अचानक हवाई हमले या आपदा की स्थिति में जनता किस तरह प्रतिक्रिया देती है और किस तरह से सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका को मजबूत किया जा सकता है।
कश्मीर घाटी में विशेष इंतजाम
कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा, शोपियां, बडगाम और बारामुला जिलों में भी यह मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। इन संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और नागरिकों को पहले से सूचित किया गया है।
धार्मिक स्थलों, स्कूलों और बाजारों में भी विशेष सावधानियां बरती जा रही हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित न हो और सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद बनी रहे।
भारत-पाक तनाव के बीच पाकिस्तानी तैयारियों पर नजर
सूत्रों के अनुसार, भारत पाकिस्तान की सैन्य गतिविधियों पर भी नजर बनाए हुए है। ISI की गतिविधियों, सीमा पार से होने वाली घुसपैठ और आतंकी तैयारियों को लेकर सतर्कता बरती जा रही है।
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने चीनी नदी प्रवाह बदलने के आरोपों की भी जांच शुरू कर दी है। यह माना जा रहा है कि भारत की इस मॉक ड्रिल से दोनों देशों को यह संदेश मिलेगा कि भारत संकट की घड़ी में हर स्थिति का सामना करने को तैयार है।
सामान्य जन को सिखाया जाएगा सुरक्षित रहना
मॉक ड्रिल के दौरान सभी नागरिकों को हवाई हमले, आतंकी गतिविधियों, और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव की रणनीतियों की जानकारी दी जाएगी। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
सायरन बजते ही लोगों को खुले स्थानों से दूर जाकर सुरक्षित स्थानों में शरण लेने और घबराने से बचने की हिदायत दी गई है।