उत्तर प्रदेश सरकार की नई स्थानांतरण नीति 2025-26: जानिए क्या हुआ नया विस्तार से

उत्तर प्रदेश सरकार की नई स्थानांतरण नीति 2025-26: पारदर्शिता और प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए नई स्थानांतरण नीति की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य प्रशासनिक पारदर्शिता, दक्षता और कर्मचारियों की संतुलित तैनाती सुनिश्चित करना है। यह नीति विशेष रूप से समूह ‘क’, ‘ख’, ‘ग’ और ‘घ’ के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए लागू की गई है।


Table of Contents

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📅 स्थानांतरण की समयसीमा

सभी स्थानांतरण 15 जून, 2025 तक पूर्ण किए जाने हैं, जिससे समयबद्धता और कार्यक्षमता सुनिश्चित हो सके।


👥 समूह ‘क’ और ‘ख’ के लिए दिशा-निर्देश

  • जिला स्तर पर: जिन अधिकारियों ने किसी जनपद में कुल 3 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली है, उनका स्थानांतरण किया जाएगा।
  • मंडल स्तर पर: जिन अधिकारियों ने किसी मंडल में 7 वर्ष की सेवा पूर्ण की है, उन्हें उस मंडल से स्थानांतरित किया जाएगा।
  • मंडलीय कार्यालयों में तैनाती: मंडलीय कार्यालयों में तैनाती की अधिकतम अवधि 3 वर्ष निर्धारित की गई है। इस अवधि को स्थानांतरण के लिए निर्धारित सेवा अवधि में शामिल नहीं किया जाएगा।

👨‍💼👩‍💼 समूह ‘ग’ और ‘घ’ के लिए दिशा-निर्देश

  • स्थानांतरण की सीमा: इन समूहों के कर्मचारियों के स्थानांतरण कुल कार्यरत कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 10% तक किए जा सकेंगे।
  • पटल/क्षेत्र परिवर्तन: समूह ‘ग’ के लिए पटल परिवर्तन/क्षेत्र परिवर्तन शासनादेश संख्या-8/2022/सा0-119/सैंतालिस-4-2022-(1/3/96) दिनांक 13 मई, 2022 के अनुसार किया जाएगा।
  • ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम: समूह ‘ख’ और ‘ग’ के कर्मचारियों के स्थानांतरण यथासंभव मेरिट बेस्ड ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम के माध्यम से किए जाएंगे।

🧑‍🦽 विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के माता-पिता के लिए प्रावधान

मंदित बच्चों या चलन किया से पूर्णतया प्रभावित दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती ऐसे स्थानों पर की जाएगी, जहां उनकी उचित देखभाल और चिकित्सा की समुचित व्यवस्था हो।


🏞️ आकांक्षी जिलों और विकास खंडों में तैनाती

भारत सरकार द्वारा घोषित प्रदेश के 34 जनपदों के 100 आकांक्षी विकास खंडों में तैनाती और संतृप्तीकरण को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे इन क्षेत्रों में विकास को गति मिल सके।


🖥️ डिजिटल प्रबंधन और पारदर्शिता

स्थानांतरण प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए ‘मानव संपदा पोर्टल’ का उपयोग किया जाएगा, जिससे सेवा पुस्तिकाओं और वेतन की डिजिटल रिकॉर्डिंग संभव होगी।


✅ अनुमोदन प्रक्रिया

स्थानांतरण सत्र के पश्चात समूह ‘क’ और ‘ख’ के स्थानांतरण माननीय विभागीय मंत्री के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी का अनुमोदन प्राप्त कर किए जाएंगे।


यह नई स्थानांतरण नीति उत्तर प्रदेश सरकार के प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो कर्मचारियों की संतुलित तैनाती, पारदर्शिता और दक्षता को सुनिश्चित करती है।

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