8वें वेतन आयोग में देरी से नाराज कर्मचारी, इप्सेफ ने केंद्र व राज्य सरकार को चेताया
लखनऊ | 1 मई 2025
केंद्र सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया अब तक शुरू न किए जाने से सरकारी कर्मचारी और शिक्षक संगठनों में नाराजगी बढ़ रही है। इंडियन पब्लिक सर्विस एम्पलाइज फेडरेशन (इप्सेफ) ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर जल्द कर्मचारियों की मांगों पर संवेदनशीलता से विचार कर निर्णय लेने की मांग की है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाया, तो इसका असर आगामी चुनावों में सत्ताधारी दल को भुगतना पड़ सकता है।
क्या हैं मुख्य मांगें?
- 8वें वेतन आयोग की घोषणा के बावजूद अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई
- आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा सुनिश्चित की जाए
- खाली पदों पर नियमितीकरण व न्यूनतम वेतन लागू हो
- बेरोजगारी दूर करने के लिए नई भर्तियां जल्द शुरू हों
इप्सेफ नेताओं ने क्या कहा?
वीपी मिश्रा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, इप्सेफ:
“सरकार ने 8वें वेतन आयोग की घोषणा तो की, लेकिन कार्रवाई में गंभीरता नहीं दिखाई। लाखों कर्मचारी-शिक्षक असंतुष्ट हैं। मांगों की अनदेखी से सरकार को राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।”
अतुल मिश्रा, उप महामंत्री:
“राज्य सरकार के अफसर कभी भी कर्मचारियों से संवाद नहीं करते। प्रधानमंत्री को ‘मन की बात’ में एक बार कर्मचारी-शिक्षकों की भी पीड़ा सुननी चाहिए।”
इस विरोध के बीच कर्मचारी संगठनों ने इशारा किया है कि आंदोलन और हड़ताल जैसे कदमों की रणनीति पर विचार किया जा सकता है, यदि सरकार ने शीघ्र ठोस निर्णय नहीं लिया।