प्रयागराज शिक्षा निदेशालय में आग की घटना के बाद विभाग सतर्क, सभी कार्यालयों का सेफ्टी ऑडिट कराने के निर्देश
प्रयागराज स्थित शिक्षा निदेशालय में आग लगने की घटना के बाद बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। घटना के बाद दोनों विभागों ने न सिर्फ आग लगने के कारणों की पड़ताल शुरू कर दी है, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए जरूरी कदम भी उठाए जा रहे हैं।
सेफ्टी ऑडिट के आदेश
बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान उन्होंने पूरी घटना की जानकारी ली और सभी कार्यालयों का सेफ्टी ऑडिट कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि आग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए कार्यालयों में सुरक्षा मानकों की जांच आवश्यक है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
250 से अधिक महत्वपूर्ण फाइलें जलकर क्षतिग्रस्त
विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, आग की घटना में चार मंडलों से संबंधित लगभग 250 गतिमान पत्रावलियां जल गईं या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। इन फाइलों में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज शामिल थे, जिनका पुनर्निर्माण अब विभाग के सामने एक बड़ी चुनौती के रूप में खड़ा है।
क्या है अगला कदम?
- सेफ्टी ऑडिट के जरिए सभी कार्यालयों में फायर सेफ्टी उपकरणों की जांच की जाएगी।
- सुरक्षा संबंधी खामियों की पहचान कर उन्हें दुरुस्त किया जाएगा।
- भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए फायर सेफ्टी ड्रिल और एमरजेंसी प्लान तैयार किए जाएंगे।
- क्षतिग्रस्त फाइलों के पुनर्संग्रहण के लिए अन्य मंडलों से मदद ली जाएगी और जहां संभव हो, डिजिटलीकरण के माध्यम से डेटा रिकवर किया जाएगा।
आग के कारणों की जांच जारी
प्राथमिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है, हालांकि अधिकारियों ने किसी भी संभावित साजिश से इनकार नहीं किया है। विस्तृत जांच रिपोर्ट के बाद ही सही कारणों का पता चल पाएगा।
क्यों जरूरी है सेफ्टी ऑडिट?
शिक्षा विभाग के कार्यालयों में बड़ी संख्या में महत्वपूर्ण दस्तावेज मौजूद होते हैं, जिनका सुरक्षित रहना बेहद जरूरी है। सेफ्टी ऑडिट से न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्थाओं का मूल्यांकन होगा बल्कि खामियों को दूर करने में भी मदद मिलेगी। इससे भविष्य में होने वाले नुकसान से बचा जा सकेगा।
घटना ने यह साफ कर दिया है कि सुरक्षा उपायों में किसी भी प्रकार की लापरवाही गंभीर नुकसान का कारण बन सकती है। विभाग द्वारा उठाए जा रहे कदम उम्मीद जगाते हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा।