एमएनएनआईटी के वैज्ञानिकों की बड़ी खोज: ईपीसीटीएम विधि से पानी से मिली 500% अधिक ऑक्सीजन


एमएनएनआईटी के वैज्ञानिकों की बड़ी खोज: ईपीसीटीएम विधि से पानी से मिली 500% अधिक ऑक्सीजन

प्रयागराज।
मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) प्रयागराज के वैज्ञानिकों ने पानी से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन अलग करने की दिशा में एक क्रांतिकारी उपलब्धि हासिल की है। ‘इलेक्ट्रोकेमिकल प्री-कैथोडिक ट्रीटमेंट मेथड (E-PCTM)’ नामक इस नई तकनीक के माध्यम से पारंपरिक विधियों की तुलना में 500 प्रतिशत अधिक ऑक्सीजन प्राप्त की जा रही है।

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इस उपलब्धि से भविष्य में न सिर्फ ऑक्सीजन की कमी से निपटने में सहायता मिलेगी, बल्कि हाइड्रोजन को वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के रूप में और अधिक कुशलता से उपयोग किया जा सकेगा।

शोधकर्ताओं की टीम

इस शोध कार्य का नेतृत्व एमएनएनआईटी के भौतिकी विभाग के प्रो. नरेश कुमार और शोधार्थी डॉ. अंचल किशोर सिंह ने किया। डॉ. अंचल ने बताया कि इस प्रक्रिया में पानी का इलेक्ट्रोलिसिस कर विद्युत ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदला जाता है। ईपीसीटीएम विधि से ऑक्सीजन विकास प्रतिक्रिया (Oxygen Evolution Reaction – OER) को अधिक प्रभावी और सरल बनाया गया है।

क्या है ईपीसीटीएम विधि?

ईपीसीटीएम (E-PCTM) एक उच्च दक्षता वाली इलेक्ट्रोकेमिकल तकनीक है, जो कम समय और कम लागत में पानी को विभाजित कर उसमें से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग करती है। परंपरागत विधियों के मुकाबले यह प्रक्रिया 500% अधिक ऑक्सीजन और अधिकतम हाइड्रोजन उत्पादन सुनिश्चित करती है।

प्रो. नरेश कुमार ने बताया, “यह तकनीक ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति ला सकती है। हाइड्रोजन भविष्य का स्वच्छ ईंधन है और इस विधि से उसका उत्पादन अब और किफायती व व्यावहारिक हो सकेगा।”

प्रकाशन और मान्यता

यह शोध प्रतिष्ठित ‘Applied Physics Letters’ (American Institute of Physics) में प्रकाशित हुआ है, जिससे इसे वैज्ञानिक समुदाय में अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली है।


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