रेलवे परीक्षा में अब नहीं हटाने होंगे धार्मिक प्रतीक, केंद्रीय मंत्री ने दिए नए निर्देश
रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) की परीक्षाओं में अब परीक्षार्थियों को अपने धार्मिक प्रतीकों जैसे झुमके, मंगलसूत्र, जनेऊ या कमरबंद हटाने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। केंद्रीय रेल राज्य मंत्री वी. सोमन्ना के हस्तक्षेप के बाद यह अहम फैसला लिया गया है। भाजपा सांसद बृजेश चौटा ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की और बताया कि रेलवे अधिकारियों को इस तरह की प्रथाओं से बचने के निर्देश दिए गए हैं।
यह मामला तब सामने आया जब सुपरिंटेंडेंट पद की परीक्षा देने वाले कुछ परीक्षार्थियों से उनके धार्मिक प्रतीक हटाने को कहा गया था। इस नियम को लेकर न सिर्फ परीक्षार्थियों बल्कि सामाजिक और राजनीतिक हलकों में भी नाराजगी देखी गई।
कर्नाटक सरकार भी आई समर्थन में
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “धार्मिक प्रतीकों की जांच की जा सकती है, लेकिन उन्हें हटाना उचित नहीं है। यदि कुछ मामलों में छात्रों ने डिवाइस छिपाए थे, तो हर प्रतीक को संदिग्ध मान लेना सही नहीं है।”
चौटा ने किया सराहना
सांसद चौटा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर केंद्रीय मंत्री वी. सोमन्ना के हस्तक्षेप की सराहना की। उन्होंने कहा, “यह निर्णय न केवल आस्था का सम्मान करता है बल्कि भारतीय संविधान की धार्मिक स्वतंत्रता की भावना को भी मजबूत करता है।”
नया नियम परीक्षार्थियों को देगा मानसिक राहत
अब परीक्षार्थियों को धार्मिक प्रतीक पहनने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा, जिससे वे परीक्षा के दौरान तनावमुक्त और सम्मानित महसूस कर सकेंगे। सुरक्षा जांच के दौरान इन वस्तुओं की स्कैनिंग या निरीक्षण किया जा सकता है, लेकिन उन्हें हटाने की अनिवार्यता नहीं होगी।
संवेदनशीलता और सुरक्षा के बीच संतुलन जरूरी
यह फैसला बताता है कि कैसे सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाए रखना संभव है। इस निर्देश से यह संदेश भी जाता है कि भारत की व्यवस्था आस्था का सम्मान करते हुए नियमों में लचीलापन दिखा सकती है।
यह कदम न केवल धार्मिक भावनाओं की रक्षा करता है, बल्कि एक सभ्य और समावेशी समाज की दिशा में भी बढ़ता हुआ कदम है।