एनसीईआरटी की सातवीं कक्षा की किताबों में बड़ा बदलाव! 📚
अब मुग़ल और दिल्ली सल्तनत की जगह पढ़ेंगे प्राचीन भारत का वैभव
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने सातवीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की किताबों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।
अब छात्र मुगल साम्राज्य और दिल्ली सल्तनत का इतिहास नहीं पढ़ेंगे।
उनकी जगह मगध, मौर्य, शुंग, और सातवाहन जैसे प्राचीन भारतीय राजवंशों पर केंद्रित अध्याय शामिल किए गए हैं।
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भारत के लोकाचार पर आधारित नई किताबें ✨
नई पाठ्यपुस्तक ‘समाज का अध्ययन : भारत और उसके आगे’ में केवल प्राचीन इतिहास पर नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, लोकाचार और राष्ट्रीय कार्यक्रमों पर भी गहन प्रकाश डाला गया है।
नए अध्यायों में शामिल हैं:
- महाकुंभ: आस्था और भक्ति का महापर्व।
- ज्योतिर्लिंग, चार धाम यात्रा, और शक्ति पीठों का विस्तृत विवरण।
- मेक इन इंडिया, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, और अटल सुरंग जैसी सरकारी पहलों पर केंद्रित जानकारी।
‘भूमि कैसे पवित्र बनती है’ – पवित्र स्थलों पर नई रोशनी 🛕
एक बेहद रोचक अध्याय ‘भूमि कैसे पवित्र बनती है’ में बताया गया है कि कैसे विभिन्न धर्मों —
हिंदू, बौद्ध, सिख, इस्लाम, ईसाई, यहूदी और पारसी — के लिए भारत और दुनिया भर में पवित्र स्थल विकसित हुए।
‘पवित्र भूगोल’ की अवधारणा के अंतर्गत 12 ज्योतिर्लिंग, चार धाम यात्रा और शक्ति पीठ जैसे स्थानों का सुंदर चित्रण किया गया है।
इस अध्याय में जवाहरलाल नेहरू का एक उद्धरण भी जोड़ा गया है, जो भारत की विविधता और एकता को दर्शाता है।
वर्ण-जाति व्यवस्था पर भी नई दृष्टि 📜
पाठ्यपुस्तक में वर्ण-जाति व्यवस्था पर भी चर्चा की गई है।
कहा गया है कि प्रारंभ में इस व्यवस्था ने सामाजिक स्थिरता प्रदान की, लेकिन समय के साथ यह कठोर और असमान बन गई।
विशेष रूप से ब्रिटिश शासनकाल के दौरान कई सामाजिक असमानताएं उत्पन्न हुईं, जिनका उल्लेख किताब में किया गया है।
महाकुंभ का उल्लेख: आस्था का महाकाव्य 🚩
नई किताब में हाल ही में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले का भी उल्लेख किया गया है।
बताया गया है कि 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने इस भव्य आयोजन में स्नान किया।
हालांकि, किताब में भगदड़ जैसी घटनाओं का उल्लेख नहीं किया गया है, जिसमें कई तीर्थयात्री मारे गए थे।
नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम बदलाव 🏛️
एनसीईआरटी अधिकारियों ने बताया कि ये बदलाव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2023 (NCF-2023) के अनुरूप किए गए हैं।
फिलहाल, यह पाठ्यपुस्तक का पहला भाग है। दूसरा भाग आगामी महीनों में जारी होने की संभावना है।
निष्कर्ष: शिक्षा में भारतीय दृष्टिकोण को मिलेगी मजबूती 🎯
नई एनसीईआरटी किताबें भारतीय इतिहास, संस्कृति और मूल्यों को ज्यादा गहराई से समझने का अवसर प्रदान करेंगी।
विद्यार्थियों को अब भारत के प्राचीन गौरव, महान परंपराओं और वर्तमान राष्ट्रीय पहलों के बारे में ज्यादा जानकारी मिलेगी।
यह बदलाव शिक्षा प्रणाली में भारतीयता के रंग भरने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।