अपने ही शरीर के बैक्टीरिया से घाव और आंखों की बीमारी का इलाज संभव: ट्रिपलआईटी इलाहाबाद की बड़ी खोज

अपने ही शरीर के बैक्टीरिया से घाव और आंखों की बीमारी का इलाज संभव: ट्रिपलआईटी इलाहाबाद की बड़ी खोज

प्रयागराज। अब शरीर के भीतर मौजूद अच्छे बैक्टीरिया का उपयोग घाव और आंखों के संक्रमण के इलाज में किया जाएगा। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT इलाहाबाद) के वैज्ञानिकों और शोध छात्रों ने पाचन तंत्र में मौजूद एक खास पेपटाइड ‘केआर रिपीट्स’ की खोज की है, जो घावों और आंखों की बीमारी कैराटाइटिस के इलाज में क्रांतिकारी साबित हो सकता है।

क्या है ‘केआर रिपीट्स’?

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  • ‘केआर रिपीट्स’ पाचन तंत्र में पाया जाने वाला एक प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक बैक्टीरिया है।
  • यह शरीर में मौजूद इंफेक्शन फैलाने वाले जीवाणुओं को नष्ट कर घाव और आंखों के संक्रमण को जल्दी ठीक करने में मदद करता है।

खोजकर्ता वैज्ञानिक और टीम:

  • डॉ. सिंतु कुमार सामंता, असिस्टेंट प्रोफेसर, अप्लाइड साइंस, ट्रिपलआईटी इलाहाबाद
  • शोध छात्र: अनन्या अनुराग आनंद, आयुष अमोद, सचिन कुमार गुप्ता, सर्फाज अन्वर, रजत कुमार, विदुषी यादव
  • सहयोगी संस्थान: एनयूएस सिंगापुर, सीडीआरआई लखनऊ, जेएनयू नई दिल्ली

कैसे करेगा इलाज?

  • ‘केआर रिपीट्स’ को जेल (gel) के रूप में घाव या आंख पर लगाया जाएगा।
  • यह बैक्टीरिया इंफेक्शन फैलाने वाले सूक्ष्मजीवों को फैलने से रोकेगा और घाव तेजी से भरने में मदद करेगा।
  • इसे बीटा-लैक्टम एंटीबायोटिक्स के साथ मिलाकर प्रतिरोधक बैक्टीरिया से लड़ने के लिए भी प्रयोग किया जाएगा।

वैज्ञानिक उपलब्धि:

  • खोज कार्य 2020 से जारी था।
  • शोध 2024 में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ पेप्टाइड रिसर्च एंड थेरेप्यूटिक्स में प्रकाशित हो चुका है।
  • इस परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (UPCST) से 14 लाख रुपये का अनुदान भी प्राप्त हुआ है।

विशेष टिप्पणी:
डॉ. सिंतु कुमार सामंता ने कहा,

“यह तकनीक संक्रमण के इलाज में एक नया विकल्प देगी, जिससे एंटीबायोटिक प्रतिरोध जैसी समस्याओं का प्रभावी समाधान संभव होगा।”

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