🔴 पहलगाम आतंकी हमले पर भारत का बड़ा एक्शन — पाकिस्तान पर सख्त राजनयिक और जल कूटनीति के प्रहार!
📍 हमले का जिम्मेदार पाकिस्तान, भारत ने लिया बड़ा फैसला
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सीधा पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए कड़े और ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में निम्नलिखित फैसले लिए गए:
🇮🇳 भारत के 5 सबसे सख्त कदम:
- सिंधु जल संधि स्थगित
भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को एकतरफा स्थगित कर दिया है। अब सिंधु नदी के पानी को रोका जाएगा जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता। - राजनयिक संबंध सीमित
दिल्ली और इस्लामाबाद स्थित उच्चायोगों में राजनयिकों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी गई है।
साथ ही पाक उच्चायोग में तैनात रक्षा सेवाओं के अधिकारियों को ‘अवांछित’ घोषित करते हुए 7 दिन में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। - अटारी-वाघा बॉर्डर बंद
भारत-पाकिस्तान के बीच अटारी-वाघा सीमा को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है।
जो पाकिस्तानी वैध दस्तावेजों के साथ भारत में हैं, उन्हें 1 मई तक लौटने की अनुमति दी गई है। - सार्क वीजा स्थगित
पाकिस्तानियों के लिए सार्क वीजा योजना स्थगित कर दी गई है।
भारत में पहले से सार्क वीजा पर मौजूद पाक नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने को कहा गया है। - सर्वदलीय बैठक बुलाई गई
सरकार ने आतंकवाद पर सर्वसम्मति के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे।
🎙️ राजनाथ सिंह का ऐलान: “आतंकी और उनके आका – दोनों भुगतेंगे परिणाम”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया:
“भारत को डराया नहीं जा सकता। हमले का जवाब बहुत जल्द और बहुत सटीक दिया जाएगा।”
उन्होंने एनएसए अजीत डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद यह संदेश दिया कि सैन्य कार्रवाई के विकल्प भी खुले हैं।
🕵️♂️ हमलावर कौन थे?
- तीनों आतंकी पाकिस्तानी:
- आसिफ फौजी (कोड: मूसा)
- सुलेमान शाह (कोड: यूनुस)
- अबू तल्हा (कोड: आसिफ)
- संगठन: लश्कर-ए-तैयबा समर्थित The Resistance Front (TRF)
- हमले के मास्टरमाइंड:
- सैफुल्लाह खालिद, लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ
- हाफिज सईद का करीबी, पीओके से ऑपरेट कर रहा था
एनआईए टीम ने घटनास्थल बायसरन घाटी का दौरा किया और जांच शुरू की।
🕯️ कश्मीर में जनाक्रोश – 35 साल का सबसे बड़ा बंद
- कश्मीर से जम्मू तक पूर्ण बंद
- हजारों लोग पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ सड़कों पर उतरे
- महिलाओं की भी बड़ी भागीदारी
- दुकानों, स्कूलों, सार्वजनिक वाहनों पर पड़ा असर
📌 निष्कर्ष:
भारत का यह रुख न सिर्फ राजनयिक दबाव का संकेत है, बल्कि यह भी साफ करता है कि अब आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत हर विकल्प पर विचार किया जा रहा है — चाहे वो पानी हो, बॉर्डर हो या सैन्य कार्रवाई।
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✍️ रिपोर्ट: शुभम पटेल
📅 अपडेट: 24 अप्रैल 2025
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