अग्रिम जमानत की तैयारी के दौरान गिरफ्तारी अवैध हिरासत नहीं : कोर्ट
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अग्रिम जमानत के लिए तैयारी के दौरान पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी को अवैध हिरासत नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने यह टिप्पणी प्रयागराज निवासी आरोपी की याचिका को खारिज करते हुए की।
मामला एक : रंगदारी मांगने का आरोप
आरोपी शिवम यादव के खिलाफ 16 अगस्त 2024 को रंगदारी मांगने और गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ था। शिवम ने 19 अगस्त को अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। पुलिस ने उसी दिन उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपी ने इसे अवैध हिरासत बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने कहा कि यदि आरोपी अग्रिम जमानत लेने की तैयारी कर रहा था, तो भी उसे गिरफ्तार करने से पुलिस को नहीं रोका जा सकता। गिरफ्तारी कानूनन वैध मानी जाएगी।
मामला दो : अधिकारी को सुनवाई में न बुलाने पर हाईकोर्ट सख्त
एक अन्य मामले में 24 मार्च को दिए गए आदेश के अनुपालन में सीनियर अफसर को तलब करने के बावजूद उपस्थित न होने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई। कोर्ट ने विशेष सचिव गृह को स्पष्टीकरण के लिए तलब किया है।
यह मामला विशेष पुलिस अधिकारी की नियुक्ति से जुड़ा है, जिसमें कोर्ट ने कई बार आदेश देने के बाद भी शासन द्वारा पालन न किए जाने पर सख्त रुख अपनाया।
मामला तीन : संयुक्त स्वामित्व की जमीन का पट्टा तभी वैध, जब सब सहमत हों
प्रयागराज हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा कि संयुक्त स्वामित्व वाली जमीन का पट्टा या बंटवारा तब तक वैध नहीं माना जाएगा जब तक सभी सह-मालिक उसकी सहमति न दें।
कोर्ट ने भूमि विवाद मामले में यह फैसला सुनाया, जहां बिना सभी मालिकों की अनुमति के पट्टा किया गया था।
आगरा के नगला सांडल में एंट्रोन पंप डिस्ट्रीब्यूटर की याचिका खारिज
एक अन्य मामले में, कोर्ट ने आगरा के नगला सांडल में एंट्रोन पंप डिस्ट्रीब्यूटर की भूमि विवाद याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकारी भूमि पर अधिकार जताना नियम विरुद्ध है और यह याचिका किसी प्रकार की राहत नहीं देती।