उत्तर प्रदेश में स्कूल और कॉलेज भवन निर्माण के नियमों में बदलाव
लखनऊ – उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में प्राइमरी से लेकर डिग्री कॉलेज तक के स्कूल और कॉलेज खोलने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। स्कूलों में पार्किंग की व्यवस्था को लेकर नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं, जिसमें बस पार्किंग की अनिवार्यता समाप्त की जा रही है। अब स्कूल के बाहर भी बसों के लिए पार्किंग की सुविधा बनाई जा सकेगी।
नक्शा पास करने की नई प्रक्रिया
- नक्शा पास करने के मानक में भी बदलाव किया जा रहा है। पहले 12 मीटर चौड़ी सड़क होने की शर्त थी, अब 9 मीटर चौड़ी सड़क पर भी नक्शा पास किया जाएगा।
- स्कूल भवन निर्माण के लिए फ्लोर एरिश रेशियो (एफएआर) को सड़क की चौड़ाई के अनुसार निर्धारित किया जाएगा। इस बदलाव से छोटे स्थानों पर भी स्कूल भवनों का निर्माण करना आसान होगा।
पार्किंग और खेल मैदान की व्यवस्था
- स्कूल परिसर में खेल मैदान और खुले क्षेत्र की आवश्यकता बनी रहेगी, लेकिन पार्किंग को लेकर अधिक लचीलेपन की व्यवस्था की गई है। स्कूलों में गाड़ियों के लिए अतिरिक्त पार्किंग की व्यवस्था अब अनिवार्य होगी।
- स्कूल परिसर में बहुमंजिला पार्किंग की अनुमति दी जाएगी, जिससे पार्किंग की समस्या को हल किया जा सकेगा।
अन्य महत्वपूर्ण बदलाव
- शैक्षिक संस्थानों की श्रेणियों को 10 से घटाकर 4 किया जा रहा है, जिससे नियमों में और भी सरलता आएगी।
- आवासीय भूखंडों पर क्रेच के लिए 25% तक ग्राउंड कवरेज की अनुमति दी जाएगी।
- सेटबैक में 20% से लेकर 40% तक कवरेज की सुविधा दी जाएगी।
- इसके अलावा, स्कूलों में 10% अलग ब्लॉक बनाने की अनुमति दी जाएगी, जिससे परिसर में पार्किंग और अन्य सुविधाओं के लिए स्थान उपलब्ध होगा।
राज्य सरकार की योजना के अनुसार, ये बदलाव प्रदेश में निजी स्कूलों और शैक्षिक संस्थानों के लिए निवेश की राह खोलने में मदद करेंगे और स्कूलों के निर्माण की प्रक्रिया को अधिक सुलभ बनाएंगे।
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